अहमदाबाद में हुए दर्दनाक हादसे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गहरा शोक जताया है। उन्होंने इस हादसे को अब तक के हवाई हादसों में सबसे भयावह हादसा बताया है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, यह हादसा “हवाई इतिहास की सबसे भयावह दुर्घटनाओं में से एक” है। उन्होंने आगे कहा, “यह एक भयानक हादसा था। मैंने भारत को बता दिया है कि हम जो कुछ भी कर सकते हैं, वह तुरंत करेंगे। भारत एक बड़ा और मजबूत देश है, मुझे यकीन है कि वे इस स्थिति को संभाल लेंगे, लेकिन हमारी ओर से हर तरह की मदद के लिए हम तैयार हैं।” ट्रंप ने यह भी अनुमान लगाया कि दुर्घटना का कारण इंजन का फेल हो जाना हो सकता है, क्योंकि सामने आए हादसे के वीडियो में विमान सामान्य रूप से उड़ता दिख रहा था और ऐसा नहीं लग रहा कि उसमें कोई विस्फोट हुआ है।
दुनिया भर के नेताओं ने जताया दुख
इस त्रासदी पर न केवल ट्रंप, बल्कि कई वैश्विक नेताओं ने शोक व्यक्त किया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “हृदयविदारक” बताया और प्रभावितों के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने हादसे की तस्वीरों को “विनाशकारी” करार दिया, जबकि ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी शोक संदेश भेजे।
टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई फ्लाइट
बता दें कि, 12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश हो गई। इस प्लेन ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी थी। एअर इंडिया की फ्लाइट AI171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भीषण हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 लोगों की मौत हो गई, जिसमें पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। केवल एक यात्री, ब्रिटिश मूल के भारतीय नागरिक विशवास कुमार रमेश, इस हादसे में जीवित बचे। इस त्रासदी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गहरा दुख व्यक्त किया और भारत को हर संभव सहायता की पेशकश की।
हादसे में 5 MBBS छात्र और एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर की भी मौत
एअर इंडिया की इस फ्लाइट AI171, ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से रवाना हुई थी, जिसमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। विमान टेकऑफ के 59 सेकंड बाद ही बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के मेस पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जहां उस समय 100 से अधिक छात्र लंच कर रहे थे। इस हादसे में जमीन पर मौजूद लोगों की भी जान गई, जिसमें कम से कम पांच एमबीबीएस छात्र और एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर शामिल हैं। हादसे के बाद भारी मात्रा में धुआं और आग की लपटें दिखाई दीं। विमान में लंदन की लंबी उड़ान के लिए 1.25 लाख लीटर ईंधन भरा हुआ था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि उच्च तापमान और ईंधन के कारण बचाव की संभावना न के बराबर थी। फिर भी, आपातकालीन सेवाओं ने तत्काल कार्रवाई की और 41 घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
जांच और बोइंग का बयान
भारत के विमानन दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने इस हादसे की जांच शुरू कर दी है। अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) और ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच भी जांच में सहायता के लिए भारत पहुंच रही हैं। बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कंपनी जांच में पूरा सहयोग करेगी। यह पहली बार है जब बोइंग 787 ड्रीमलाइनर पूरी तरह से नष्ट हुआ है, जिससे बोइंग की सुरक्षा और गुणवत्ता प्रथाओं पर फिर से सवाल उठ रहे हैं।
हादसे पर एअर इंडिया और टाटा ग्रुप की प्रतिक्रिया
एअर इंडिया ने एक बयान में 241 मौतों की पुष्टि की और एकमात्र जीवित बचे यात्री के इलाज की जानकारी दी। एयरलाइन ने पीड़ितों के परिवारों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर (1800 5691 444) जारी किया और दिल्ली व मुंबई से अहमदाबाद के लिए राहत उड़ानें शुरू कीं। टाटा ग्रुप, जो एअर इंडिया का मालिक है, उसने प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि और घायलों के इलाज का खर्च देने की घोषणा की है।