विंग कमांडर अभिनंदन के पिता पूर्व एयर मार्शल सिमकुट्टी वर्धमान ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा जिस परिस्थिति का सामना वास्तविक जिंदगी में कर रहा है, ऐसे ही हालात से वे कुछ साल पहले फिल्मी पर्दे पर रूबरू हो चुके हैं। दक्षिण फिल्मों के दिग्गज निर्देशक मणिरत्नम की 2017 में रिलीज हुई फिल्म ‘कातरु वेलियिदाई’ में एयर फोर्स की ही कहानी है। इसमें वरुण चक्रपाणी 1999 करगिल युद्ध के दौरान दुश्मन देश की सीमा में घुस जाते हैं।
उनका फाइटर जेट तबाह हो जाता है और उन्हें रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना पकड़ लेती है। युद्ध बंदी के रूप में उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। पाकिस्तान हिरासत में वरुण अपने परिवारवालों को याद करते हैं। खास बात ये है कि अभिनंदन के पिता ने इस फिल्म के लिए मणिरत्नम के सलाहकार की भूमिका निभाई थी। जिस मिराज ने पाक में हमला किया, उसके अपग्रेडेशेन में अभिनंदन के पिता भी शामिल थे।
एयर मार्शल रहे सिमकुट्टी वर्धमान ने कभी सोचा भी नही होगा कि बेटे अभिनंदन पर ये कहानी दोबारो दोहराई जाएगी ।
वायुसेना की पूर्वी कमान के एयर मार्शल रहे सिमकुट्टी वर्धमान उन चुनिंदा पायलटों में से हैं जिन्होंने 40 तरह के विमानों को उड़ाया है। साथ उन्हें चार हजार घंटे से ज्यादा की उड़ान का अनुभव है। वे बंगलूरू स्थित वायुसेना के एलीट एयरक्राफ्ट सिस्टम एवं टेस्टिम इस्टेबलिशमेंट के चीफ टेस्ट पायलट रहे हैं। कारगिल युद्ध के दौरान वर्धमान ग्वालियर स्थित वायुसेना अड्डे के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर थे। जहां उन्होंने अपने उड़ान के अनुभव से मिराज 2000 के अपग्रेडेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह संयोग ही है कि पाकिस्तान के बालाकोट में मिराज 2000 से हमला किया गया।