उत्तराखंड के बाद अब राजस्थान में यूसीसी लाने की तैयारी

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गोवा में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी पुर्तगाल के शासन के दौर से लागू है। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की बीजेपी सरकार ने मंगलवार को यूसीसी का बिल विधानसभा में पेश कर दिया है और वहां भी ये कानून लागू होने जा रहा है। अब राजस्थान में भी बीजेपी की सरकार यूसीसी पर बिल लाने की तैयारी कर रही है। राजस्थान के कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने राज्य विधानसभा में इसका एलान किया है।

राजस्थान में मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने मंगलवार को जयपुर में विधानसभा सत्र के दौरान जानकारी दी कि सीएम भजनलाल शर्मा ने यूसीसी बिल लाने को मंजूरी दी है। उन्होंने विधानसभा में बताया कि अगर इस सत्र में समय मिला तो यूसीसी पर बिल लाएंगे, वरना राजस्थान विधानसभा के अगले सत्र में बिल लाया जाएगा। कन्हैयालाल चौधरी ने विधानसभा में कहा कि सभी तरह के सामाजिक अन्याय को रोकने के लिए यूसीसी बिल लाया जाना समय की मांग है।

राजस्थान विधानसभा के सत्र की मौजूदा कार्यसूची में अभी यूसीसी बिल नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले सत्र में ही बिल लाया जा सकता है। राजस्थान सरकार को यूसीसी बिल लाने में ज्यादा दिक्कत भी नहीं होगी। विधानसभा में बीजेपी सरकार का बहुमत है। वहीं, उत्तराखंड में जो यूसीसी बिल लाया गया है, उसके आधार पर ही राजस्थान में भी भजनलाल शर्मा की सरकार बिल ला सकती है।

यूसीसी का कानून लागू होने पर सभी समुदायों के लिए तलाक, बेटे और बेटी में संपत्ति के विभाजन, गोद लेने की व्यवस्था, बहुविवाह पर रोक जैसे मामले एक तरह के होते हैं। यूसीसी लागू होने पर पर्सनल लॉ के तमाम प्रावधान रद्द हो जाते हैं। संविधान के नीति निर्देशक तत्व में सरकार को यूसीसी लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाने को कहा गया है। तमाम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी कई बार केंद्र सरकार से यूसीसी लागू करने के लिए कह चुके हैं। बीजेपी और उससे पहले जनसंघ ने बार-बार कहा है कि यूसीसी उसके मुद्दों में शामिल है। हालांकि, मोदी सरकार ने केंद्र में 2 बार सरकार बनाने के बाद भी यूसीसी लाने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाया है।

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