मोदी सरकार के आने के बाद से देश के एसएसएमई सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोदी सरकार के साढ़े साल के कार्यकाल में इस सेक्टर में करीब 35 लाख लोगों को अपना रोजगार गवाना पड़ा है. साथ ही व्यापारियों के मुनाफे में भी कमी आई है.
ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स आर्गेनाइजेशन (AIMO) ने देश भर में 34,700 व्यापारियों पर सर्व किया. उसके बाद उन्होंने अपनी यह रिपोर्ट दी है. जिसके मुताबिक नोटबंदी और जीएसटी के कारण देश के उद्योग-धंधे प्रभावित हुए हैं. AIMO ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ट्रेडर सेगमेंट में 43 प्रतिशत जबकि माइक्रो सेगमेंट में 32 प्रतिशत नौकरी की कमी आई है. साथ ही स्मॉल सेगमेंट में 35 प्रतिशत है और मीडियम स्केल सेगमेंट में 24 प्रतिशत नौकरियों की कमी है.
AIMO ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि नोटबंदी और जीएसटी से सबसे ज्यादा घाटा उन लोगों को हुआ है जो अपनी दुकान चलाते है. इसमें टेलर, किराना दुकानदार, जैसे स्मॉल सेगमेट में बिजनेस करने वाले लोगों को नुकसान हुआ है.
केंद्र सरकार को AIMO ने कई बार व्यापारियों और एमएसएमई की खराब हालत बताने के लिए गंभीर संकेत दिए है. AIMO देश के करीब 3 लाख से अधिक सूक्ष्म, छोटे और मध्यम और बड़े पैमाने पर उद्योगों का प्रतिनिधित्व करता है.
AIMO के अध्यक्ष के.ई रघुनाथन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, सूक्ष्म उद्योगों के परिचालन मुनाफे में 43 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. जबकि लघु उद्योगों में यह 35 प्रतिशत है और मध्यम उद्योगों में 24 फीसदी की गिरावट आई है. यह काफी बड़ा नुकसान है, इसपर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि, इस नुकसान के कारण व्यापार और एमएसएमई के कई क्षेत्रों में हुआ यह नुकसान उबरने की स्थिति से बाहर हो चुका है.