खजांची को घर देने पहुंचे थे अखिलेश, लेकिन हो गई किरकिरी
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की रविवार को उस समय किरकिरी हो गई, जब उनके दो साल के ‘नोटबंदी पोस्टरबॉय’ खजांची नाथ अपनी मां के साथ दो घरों की चाबी लेने के लिए नहीं आए, जो कि अखिलेश यादव द्वारा उनको दिए जाने थे. अखिलेश यादव ने खजांची को उपहार देने के लिए पूरी तैयारी की थी. लेकिन जब खजांची घरों की चाबी लेने अपनी मां के साथ नहीं आए तब अखिलेश यादव की किरकिरी हो गई.
खजांची नाथ 2017 में अखिलेश यादव के ‘नोटबंदी विरोधी’ अभियान का चेहरा थे, खजांची का जन्म उस वक्त हुआ था, जब खजांची की मां नोटबंदी के दौरान एक बैंक के बाहर लाइन में खड़ी थी. वहीं पिछले हफ्ते अखिलेश यादव ने घोषणा की थी कि वो कानपुर देहात के सरदारपुर गांव में खजांची के दूसरे जन्मदिन पर उसको दो पूरे तरीके से तैयार घर गिफ्ट करेंगे.
वहीं खजांची की मां ने सरदारपुर जाने से इनकार करते हुए कहा कि जो कोई भी उनके बेटे की मदद करना चाहता है. उसे आनंदपुर में हमारे गांव में आना पड़ेगा क्योंकि उसे डर है कि अगर उसे सरदारपुर में उसके ससुराल वाले देखते हैं तो वो उसे मार डालेंगे. वहीं खजांची की मां ने बताया कि उसके पति की मृत्यु कुछ साल पहले हुई थी और 2 दिसंबर, 2016 को खजांची का जन्म हुआ था. एक अखबार ने रविवार को अखिलेश के हवाले से कहा कि हम नहीं जानते थे कि उनकी दादी और नानी के घरों के बीच झगड़ा है.’ खजांची की दादी अखिलेश यादव के दौरे के दौरान उपस्थित थीं और हमने उन्हें घरों की चाबी दे दी है.
मिली जानकारी के मुताबिक, सपा कार्यकर्ताओं के झगड़े के चलते खजांची दो घरों की चाबी लेने नहीं पहुंचे. जहां कार्यकर्ताओं का एक गुट चाहता था कि वो खजांची के ननिहाल में उनका जन्मदिन मनाने आए, तो वहीं दूसरा गुट चाहता था कि अखिलेश खजांची की दादी के वहां आए, जिसके चलते स्टेज पर खजांची की दादी को ही अखिलेश यादव ने दोनों घरों की चाबी दी. वहीं खजांची के इनाम लेने के दौरान मौजूद न होने के कारण अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी पार्टी के कुछ नेताओं की साजिश चल रही है. ऐसे लोग पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं. ऐसे लोगों की मेरी पार्टी में कोई स्थान नहीं है. ये लोग पार्टी छोड़ जाए.