प्रयागराज। वाराणसी यानी काशी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा के मसले पर मुस्लिम पक्ष को जोर का झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यासजी के तहखाने में पूजा रोकने की मुस्लिम पक्ष की अर्जी को खारिज कर दिया है। वाराणसी के जिला जज रहे डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने पहले पूजा के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसे मुस्लिम पक्ष यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड और मसाजिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
अब इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्ष के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का ही रास्ता बचा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर पहले पूछा था कि उन्होंने 17 जनवरी के जिला जज के उस आदेश को चुनौती क्यों नहीं दी, जिसमें जिला प्रशासन को व्यासजी तहखाने का प्रभार दिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अर्जी सुधारने के लिए भी वक्त दिया था। मुस्लिम पक्ष लगातार ये दलील भी देता रहा है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत ज्ञानवापी का मसला सुना ही नहीं जा सकता, लेकिन सुप्रीम कोर्ट तक से इस मामले में भी उसे अब तक राहत नहीं मिली है।
ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर वाराणसी के जिला जज के यहां हिंदू पक्ष की कई अर्जियों पर सुनवाई चल रही है। वाराणसी के जिला जज के पास ये सभी केस सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा था। वाराणसी के जिला जज ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वे भी कराया था। एएसआई सर्वे में पता चला था कि प्राचीन विशाल मंदिर को ध्वस्त कर उसकी जगह ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई गई थी।
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह औरंगजेब के वक्त हुआ था। हिंदू पक्ष ने जिला जज के यहां अर्जी लगाई थी कि साल 1993 तक व्यासजी के तहखाने में रोज पूजा होती थी। इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद के चारों तरफ तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने बाड़ लगवा दी और इस वजह से पूजा पर रोक लग गई। वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि व्यासजी के तहखाने में कभी पूजा हुई ही नहीं, लेकिन इस दावे को वाराणसी के जिला जज के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी अपने फैसले में मानने से इनकार कर दिया है।
Gyanvapi Mosque case | Advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side says "Today, the Allahabad High Court has dismissed the first appeal from orders of Anjuman Intezamia wherein the order of 17th and 31st January passed by Varanasi District Court was under challenge… pic.twitter.com/pOf5BKWQ8f
— ANI (@ANI) February 26, 2024
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष काफी उत्साहित है। माना जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष के सुप्रीम कोर्ट में दस्तक देने के अगले इरादे पर हिंदू पक्ष वहां भी कैविएट दाखिल करेगा। अब सबकी नजर इस पर है कि वाराणसी के जिला जज और इलाहाबाद हाईकोर्ट के व्यासजी के तहखाने में पूजा को मंजूरी देने के फैसलों के बाद सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को राहत मिलती है या वहां भी हिंदू पक्ष की जीत होती है।