इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विधवा बहू को बेदखल करने के आदेश पर लगाई रोक !

Allahabad High Court
लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उप-मंडल मजिस्ट्रेट (SDM ), लखनऊ के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें एक विधवा बहू को उसके ससुराल से सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत संक्षिप्त कार्यवाही के आधार पर बेदखल करने का आदेश दिया गया था।
जस्टिस विवेक चौधरी की एकल बेंच ने कहा कि मामले के दिए गए तथ्यों और परिस्थितियों में, 14 जुलाई का आक्षेपित आदेश लागू नहीं किया जा सकता है और इसे रद्द किया जाता है।
माननीय न्यायालय  ने कहा कि ससुराल वालों को निर्देश दिया जाता है कि वे मकान नंबर 3/347, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ का नीचे का हिस्सा याचिकाकर्ता बहू और उसके बेटे को तत्काल सौंप दें।
कोर्ट ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता किसी भी तरह से अपने घर में अपने हिस्से के अतिरिक्त  ऊपर की मंजिलों में रहने वालों के प्रवेश और निकास में हस्तक्षेप नहीं करेगी। ससुराल वाले भी बहु को किसी भी तरह से परेशान या उसकी जिंदगी में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007 के तहत संक्षिप्त कार्यवाही के आधार पर एक पत्नी को उसके वैवाहिक घर से बेदखल नहीं किया जा सकता है।
SDM  (सदर), लखनऊ के 14 जुलाई के आदेश को चुनौती देते हुए खुशबू शुक्ला ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
SDM ने अपने आदेश में खुशबू शुक्ला को गोमती नगर में अपने पति के घर को खाली करने का आदेश दिया था। SDM ने शुक्ला के ससुर की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश दिया था।
खुशबू शुक्ला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि 15 जुलाई 2019 को उनके पति गौरव शुक्ला की मृत्यु के बाद से उनके ससुराल वाले उन्हें प्रताड़ित करने लगे है। उन्होंने अदालत से यह भी कहा कि SDM के आदेश के पश्चात से उसे और उसके बच्चे को बेघर कर दिया जाएगा।
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