आलोक वर्मा ने DOPT को दिखाया आईना, इस्तीफा न देकर कहा- मुझे रिटायर मान लीजिए

विश्वजीत भट्टाचार्य- सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटाए जाने के बाद डीजी फायर सर्विस, होमगार्ड एंड सिविल डिफेंस के पद पर भेजे गए आलोक वर्मा ने नए पद पर ज्वॉइन तो नहीं ही किया.

एक चिट्ठी लिखकर केंद्र के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग यानी DOPT को आईना दिखा दिया है.आलोक वर्मा ने जो चिट्ठी लिखी है, उसमें कहीं इस्तीफे का जिक्र नहीं है.वर्मा ने उल्टे DOPT से कहा है कि आज (11 जनवरी 2019) से उन्हें रिटायर मान लिया जाए.

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आलोक वर्मा ने चिट्ठी में ये लिखा

by vishwajeet bhattacharya-

 

आलोक वर्मा ने DOPT को भेजी चिट्ठी में लिखा       है, ‘मेरा कार्यकाल 31 दिसंबर 2017 तक ही था. जिसे सीबीआई निदेशक के तौर पर 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ाया गया था. अब जबकि मैं सीबीआई के निदेशक के तौर पर काम नहीं कर रहा हूं और अग्निशमन सेवा, सिविल डिफेंस एंड होमगार्ड के डीजी के पद पर बने की उम्र पहले ही पूरा कर चुका हूं, इसलिए मुझे आज से ही रिटायर माना जाए.’

चिट्ठी के जरिए विभाग की गलती बताई

आलोक वर्मा ने चिट्ठी भेजकर खुद को रिटायर मान लेने के साथ ही DOPT की गलती भी बता दी है. वर्मा की चिट्ठी से साफ होता है कि डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग में उन्हें ट्रांसफर करने वालों को ये ध्यान नहीं था कि डीजी फायर सर्विस का कार्यकाल 60 साल की उम्र तक ही होता है. आलोक वर्मा की वो उम्र सीमा 2017 में ही पार हो चुकी है.

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खुद को विभागीय कार्रवाई से भी बचाया

आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद से हटाने के बाद उन्हें जिस नए पद पर भेजा गया था. उस पद पर आलोक वर्मा ने ज्वॉइन नहीं किया था. ऐसे में रिटायर मान लेने की चिट्ठी भेजकर आलोक वर्मा ने इस मामले में उनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई होने देने का रास्ता भी बंद कर दिया है.

तय कार्यकाल से पहले ही आलोक को पद से हटाया गया

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश काडर से 1979 बैच के IPS ऑफिसर आलोक वर्मा सीबीआई के 27वें डायरेक्टर थे. वह दिल्ली पुलिस के कमिश्नर भी रह चुके थे. वर्मा 1 फरवरी 2017 को सीबीआई डायरेक्टर बने थे.31 जनवरी को वह रिटायर होने वाले थे. उनका कार्यकाल काफी विवादित रहा और आखिरकार भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर उन्हें 2 साल के तय कार्यकाल से पहले ही हटा दिया गया.

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