ममता बनर्जी ने आयुष्मान भारत योजना से किया किनारा, पीएम मोदी पर लगाए आरोप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी सरकार की आयुष्मान भारत योजना से खुद को अलग करते हुए केंद्र को पत्र लिखा. सरकार ने एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी कि तृणमूल कांग्रेस ने अपने निर्णय की जानकारी केंद्र सरकार को दी है.

गुरुवार को ममता बनर्जी ने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना से बाहर आने के फैसले का ऐलान किया था और नरेंद्र मोदी की राजग सरकार पर स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम के तहत ‘बड़े-बड़े दावे’ करने का आरोप लगाया.

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ममता ने लगाया राजनीतिकरण का आरोप

गौरतलब है कि एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया था. उन्होंने बताया कि पीएम ने हर घर में योजना के बारे में बताने के लिए पत्र भेजा जिसमें उनकी फोटो के साथ कमल का निशान है.बनर्जी ने कहा कि केंद्र इन पत्रों को भेजने के लिए डाक कार्यालयों का ‘इस्तेमाल’ कर रही है.

ममता बनर्जी ने दो टूक कहा कि नरेंद्र मोदी जी आप हर घर में अपनी तस्वीरें लगाकर पत्र भेज रहे हैं, योजना का श्रेय लेने के लिए वायदे कर रहे हैं तो मैं 40 फीसदी खर्च का वहन क्यों करुं. सरकार को ही इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर किसानों को फसल बीमा के फायदों को लेकर ‘झूठे दावे’ करने का भी आरोप लगाया. इस योजना में राज्य सरकार 80 प्रतिशत का व्यय वहन कर रही है.

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क्या है आयुष्मान भारत योजना

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गत वर्ष अगस्त माह में इस योजना की शुरुआत की थी. आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति परिवार का पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कराकर 10 करोड़ से ज्यादा गरीब और वंचित परिवारों को (करीब 50 करोड़ लाभार्थी को) का लाभ देना लक्ष्य रखा गया था.

इस योजना के तहत 60 प्रतिशत खर्च केंद्र और 40 फीसदी व्यय राज्य वहन करता है. ममता बनर्जी ने खुद को इस 40 फीसदी खर्च से अलग किया है.

 

 

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