अमित शाह : 2019 का लोकसभा चुनाव 1977 जैसा युग बदलने वाला होगा

2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है. रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में बीजेपी बूथ सम्मेलन का आयोजन किया गया.

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव आम चुनाव नहीं होगा, ये चुनाव युग को बदलने वाला चुनाव है, जैसे 1977 का चुनाव हुआ था. शाह ने कहा की 2019  का चुनाव वंशवाद, जातिवाद, तुष्टिकरण के कफन पर आखिरी कील ठोंकने वाला चुनाव होगा. दिल्ली में बीजेपी सभी 7 सीटें जीते ये कार्यकर्ता सुनिश्चित करें.

शाह ने कहा कि दिल्ली में तीन पार्टियों बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला होगा. केजरीवाल, राहुल गांधी से ज्यादा झूठ किसी ने नहीं बोले हैं. अभी तक 1984 सिख दंगों के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला. मोदी सरकार बनते ही हमने एसआईटी बनाई और तब जाके जांच हुई. आखिरकार दंगों में पीड़ितों को न्याय मिल रहा है. दिल्ली विधानसभा में जो घटना हुई, वो दंगा पीड़ितों के घाव पर नमक छिड़कने जैसा था. आम आदमी पार्टी को शर्म आनी चाहिए. केजरीवाल की पार्टी ने इतने वादे किए और वो सबके सब वादे फेल हो गए हैं. दिल्ली की जनता केजरीवाल से परेशान है. केजरीवाल पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा की आज आम आदमी कहलाने वाले जेड प्लस सुरक्षा लेकर घूम रहे हैं.

शाह ने केजरीवाल से पूछे सवाल

अमित शाह ने पूछा कि केजरीवाल बताएं 500 नए विद्यालय कहां हैं? हर लोकसभा में नए अस्पताल कहां हैं? मोहल्ला क्लिनिक में न डॉक्टर हैं, ना ही टेस्ट होते हैं. मोहल्ला क्लिनिक में सिर्फ कुत्ते, बिल्ली बैठे रहते हैं. दिल्ली का युवा वाईफाई के नाम पर ठगा हुआ महसूस कर रहा है. अबतक डीटीसी की बस में मार्शल तैनात नहीं हो सके. अबतक कहीं भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. दिल्ली में 50 फीसदी जनता दुर्गंध वाला पानी पी रही है.

शाह ने कहा कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में किया हर वादा पूरा किया है. हम अपने काम को लेकर जनता के बीच जाने वाले हैं. दिल्ली हाइकोर्ट ने 15 दिन में नेशनल हेराल्ड की इमारत खाली करने को कहा है. कांग्रेस नेतृत्व ने इसके जरिए करोड़ो की संपत्ति बना ली है. इनकम टैक्स ने कांग्रेस नेतृत्व को 600 करोड़ की आय छिपाने के लिए नोटिस भी दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल-राफेल करके महज हल्ला किया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर दूध का दूध पानी का पानी कर दिया.

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