पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद एमफिल या पीएचडी करने वाले अल्पसंख्यक वर्ग (मुस्लिम, सिख, पारसी, बौद्ध, ईसाई और जैन समुदाय) के छात्रों के लिए मौलाना आजाद फैलोशिप किसी वरदान से कम नहीं है. बताते चलें की इस फैलोशिप के लिए 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद साइंस, ह्यमैनिटीज, सोशल साइंस और टेक्नोलॉजी में एमफिल या पीएचडी के लिए यह फैलोशिप दी जाती है. बता दें की देशभर में 1000 छात्रों को यह फौलोशिप दी जाएगी. इसके लिए छात्रों को यूजीसी नेट या सीएसआईआर नेट परीक्षा को क्वालिफाई करना जरूरी है. इसके अलावा उसका किसी भी संस्थान में एमफिल या पीएचडी में फुल टाइम रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. इसी के साथ आवेदकों के अभिभावकों की वार्षिक आय छह लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, और आवेदकों के पोस्ट ग्रेजुएशन में मिनिमम 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए.
कितनी मिलेगी फैलोशिप
जूनियर रिसर्च फैलोशिप के तहत 25 हजार रुपये प्रति महीने शुरुआत के दो सालों तक मिलेंगे. इसके बाद सीनियर रिसर्च फैलोशिप के तहत 28 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे. ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंस और कॉमर्स के लिए शुरुआती दो सालों तक 10 हजार रुपये प्रति महीने और इसके बाद तीन सालों तक 20,500 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे.
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