केजरीवाल दिल्ली में लागू करेंगे पुरानी पेंशन व्यवस्था! नई पेंशन योजना को बताया विश्वासघात

नई दिल्ली: पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को लेकर केंद्र के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों ने सोमवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया. वहीं इस मौके पर यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे. सीएम केजरीवाल ने कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए केंद्र सरकार को घेरा. केजरीवाल ने रामलीला मैदान पहुंचकर घोषणा की कि विशेष सत्र में पुरानी पेंशन स्कीम का प्रस्ताव पारित किया जाएगा, जिसके बाद इसे केंद्र में भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि वहां से मैं लड़कर इसे पास कराने की कोशिश करूंगा.

केंद्र पर केजरीवाल का वार

वहीं पेंशन के मुद्दे को लेकर रामलीला मैदान पहुंचे सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंच से केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि अगले तीन महीनों में सरकार ने कर्मचारियों की मांग नहीं मानी तो 2019 में कयामत आने वाली है. केजरीवाल ने कहा कि इस ऐतिहासिक रामलीला मैदान का केंद्र श्राप न ले.

नई पेंशन योजना को बताया विश्वासघात

सीएम केजरीवाल ने कहा कि ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, केरल और कर्नाटक के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए निवेदन किया जाएगा. साथ ही केजरीवाल ने नई पेंशन योजना को सरकारी कर्मचारियों के साथ विश्वासघात और धोखाधड़ी बताया.

केजरीवाल ने कहा कि मैं मोदी जी से कहना चाहूंगा कि आप सरकारी कर्मचारियों को हताश कर राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि आप सरकार शिक्षा, ऊर्जा, जल आपूर्ति और शिक्षा के क्षेत्रों में इन कर्मचारियों के सहयोग से ही काम कर पाई है.

इस मांग के लिए आवाज तेज

गौरतलब, है कि कर्मचारी केंद्र सरकार की तरफ से लागू राष्ट्रीय पेंशन नीति का विरोध कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन नीति में उनके लिए कुछ भी नहीं है. शेयर बाजार को फायद देने के लिए ये पेंशन नीति बनाई गई है, जिसमें कर्मचारियों के वेतन से मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी हिस्सा काटा जाता है.

जब भी एक कर्मचारी 58 साल की उम्र में रिटायर होता है तो उसे रिटायरमेंट के बाद कुछ भी नहीं मिलता, कर्मचारी को इस पैसे का मात्र 60 प्रतिशत उसकी आयु 60 साल होने पर प्राप्त हो पाता है और इस पैसे पर भी उसे कर देना पड़ता है जो कि न्याय संगत नहीं है. राष्ट्रीय पेंशन नीति में कर्मचारी की पेंशन पूर्ण रूप से बाजार पर निर्भर करती है. इसके अंतर्गत लगभग 50 हजार पर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को लगभग 1 हजार ही पेंशन लग पाती है.

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