लाहौर: अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तो शुरू की, लेकिन इसकी सुगबुगाहट लगते ही जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ता भूमिगत हो गए. दोनों संगठन मुंबई आतंकी हमले के मास्टमाइंड हाफिज सईद के हैं. फिलहाल हाफिज सईद और जैश सरगना मसूद अजहर सुरक्षा बलों के घेरे में नजरबंद हैं.
पाकिस्तान में सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत और जैश-ए-मुहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की है. इसके तहत जैश सरगना मसूद अजहर के बेटे और भाई समेत एक सौ से ज्यादा आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि हाफिज सईद को नजरबंद किया गया है.
पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि यह कार्रवाई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के निर्देशों के चलते की गई. लेकिन इस कार्रवाई के बावजूद जेयूडी और एफआईएफ के तमाम बड़े पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ता बच निकलने में कामयाब रहे. वे भूमिगत होकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं.
जमात की मीडिया टीम भी भूमिगत है। फिलहाल वह कोई बयान जारी नहीं कर रही है. संगठन की मीडिया टीम से जुड़े याह्या मुजाहिद और अहमद नदीम ने कहा है कि समय के साथ सरकारी कार्रवाई थमेगी, तब फिर से सब मिलकर काम करेंगे.
पिछले 20 साल में पहली बार हाफिज सईद को लाहौर में उसके जमात-उद-दावा मुख्यालय में स्थित मस्जिद में तकरीर देने से रोका गया है. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, सरकार ने फिलहाल हाफिज सईद और मसूद अजहर को नजरबंद रखने का फैसला किया है.