नई दिल्लीः इस साल जकार्ता में खेले गए 18वें एशियाई खेलों में भारत ने कुल 69 पदक जीते हैं. जिसमें 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य के साथ शामिल हैं. इन पदकों में एक पदक भारत के हरीश कुमार का भी है. हरीश ने सेपक टाकरा में पदक जीत कर भारत के लिए इतिहास रच दिया, लेकिन उनकी खुशी का यह समय बहुत जल्द ही बीत गया और इस खिलाड़ी को एक बार फिर अपनी असल जिंदगी में वापस लौटना पड़ा.
भारत के लिए मैडल जीतने वाला अब बेच रहा है चाय
भारत को एशियाई खेलों में सेपक टाकरा में पहली बार जीत दिलाने वाला हरीश कुमार घर वापस लौट एक बार फिर से चाय बेचने पर मज़बूर हो गए हैं. दिल्ली स्थित मजनू के टीला में रहने वाले हरीश कुमार यहां पर एक छोटी सी चाय की दुकान पर काम करते हैं. जहां पर ग्राहक उनको छोटू के नाम से बुलाते हैं. हरीश बेहद गरीब परिवार से हैं जिनको अपने परिवार चलाने के लिए काम करना पड़ता है.
हरीश जब पदक जीत कर भारत वापस लौटे थे उस समय उनके पड़ोसी उनको लेने के लिए पूरी बस लेकर पहुंचे थे. उनकी इस जीत के पीछे उनके कोच हेमराज और उनके बड़े भाई नवीन का बड़ा हाथ है. हरीश के कोच उनके लिए स्टेडियम आने-जाने का किराया तक देते थे, लेकिन उन्होंने दोनों को ही निराश न करते हुए भारत के लिए पदक जीत कर इतिहास रच दिया.
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दिल्ली सरकार ने की इनाम की घोषणा
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, जल्द ही उनकी सरकार खिलाड़ियों के लिए वित्तीय सहायता देने के लिए शीघ्र ही दो नीतियां तैयार करेंगी. सरकार इन दो नीतियों के तहत पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के साथ शुरुआती दिनों में युवा प्रतिभा के रूप में पहचाने जाने वाले खिलाड़ियों सहित सभी को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.
इसके साथक ही दिल्ली सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं के लिए दिए जाने वाले नकद पुरस्कार में भी इजाफा किया है. जिसके मुताबिक सरकार रजत पदक विजेताओं के लिए 75 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान करेगी.
आपको बता दें, इससे पहले स्वर्ण पदक वालों को 20 लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को 14 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 10 लाख रुपये दिए जाते थे.