Wednesday, April 2, 2025

और एक बार फिर टली अयोध्या राम मंदिर मसले की सुनवाई

अयोध्या के राम जन्म भूमि- बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई को टाला गया. इसके पीछे का कारण 5 जजों की बेंच में जस्टिस एसए बोबडे की गैर-मौजूदगी बताया जा रहा है. बता दें कि अयोध्या मसले पर 29 जनवरी को सुनवाई होनी थी. फिलहाल, सुनवाई के लिए कोई भी तारीख तय नहीं की गई है.

दरअसल, जस्टिस एसए बोबेड को कुछ दिन पहले ही इस बेंच में शामिल किया गया था. 5 जजों की इस बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोवडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अब्दुल नजीर हैं.

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पहले भी टली थी सुनवाई-

इससे पहले अयोध्या मसले की सुनवाई 10 जनवरी को होनी थी लेकिन उस वक्त भी इस सुनवाई को टाल दिया गया था और 29 जनवरी को सुनवाई होनी तय की गई थी. 10 जनवरी को सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस यूयू ललित ने जजों की बेंच से अपना नाम वापिस ले लिया था जिसके बाद मामले की सुनवाई टालनी पड़ी थी.

जानिए अयोध्या सुनवाई से खुद को अलग करने वाले जस्टिस यू यू ललित की पूरी दास्तां

बेंच में शामिल जस्टिस यूयू ललित को लेकर कई सवाल खड़े हो गए थे. दरअसल, जस्टिस यूयू ललित अयोध्या विवाद से ही संबंधित एक मामले में अधिवक्ता की हैसियत से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की ओर से पेश हो चुके हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन की ओर से उठाए गए इस सवाल के बाद खुद जस्टिस यूयू ललित ने अपने आपको बेंच से अलग कर लिया था. इसके बाद उनकी जगह पर जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एनवी रमन्ना की जगह पर जस्टिस अब्दुल नजीर को बेंच में शामिल किया गया था.

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