नई दिल्ली: राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सोमवार से सुप्रीम कोर्ट में फाइनल सुनवाई होनी थी, लेकिन आज कोर्ट ने सुनवाई जनवरी 2019 तक टाल दी है. चीफ जस्टिस ने कहा अयोध्या मामले पर तुरंत सुनवाई नहीं हो सकती. 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ जो याचिका दायर हुई थी, आज से उन पर सुनवाई होनी थी, लेकिन फिलहाल सुनवाई टाल दी गई है. दरअसल, 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित भूमि को तीन भागों में बांटने का फैसला दिया था, जिसके खिलाफ कई याचिकाएं दायर हई.
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इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के. एम जोसफ की पीठ को सुनवाई करनी थी. हालांकि, वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट आज तय करेगा कि अयोध्या मामले पर यही बेंच सुनवाई करेगी या कोई और बेंच. साथ ही सुनवाई की तारीख क्या होगी.
वहीं इससे पहले 27 सितंबर 2018 कोट कोर्ट की तरफ से ‘मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं है’ वाले फैसले के खिलाफ जो याचिका दायर हुई थी, उस पर पुनर्विचार से इंकार कर दिया था और साथ ही कोर्ट की तरफ से ये कहा गया था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद में दीवानी वाद का निर्णय साक्ष्यों के आधार पर होगा और पूर्व का फैसला इस मामले में प्रासंगिक नहीं है.
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वहीं इन सबके बीच 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले इस मुद्दे ने फिर से जोर पकड़ लिया है. अयोध्या में मंदिर बनाने को लेकर कवायत तेज हो चुकी है, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट में फाइनल सुनवाई 2019 तक टल गई है.