बिहार से एक निजी बस के जरिए 97 बच्चों को सहारनपुर ले जाया जा रहा था. अनहोनी की आशंका पर अयोध्या पुलिस और ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने छापेमारी की. पुलिस ने बस को रुकवा कर बच्चों को उतरवा लिया. बस में 5 मौलवी में सवार थे. पुलिस ने उनसे जानकारी जुटानी शुरू कर दी. बच्चों को किस मकसद से लेकर जाया जा रहा था, इस बारे में वे स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए. बाद में सभी बच्चों को लखनऊ स्थित बाल संरक्षण संरक्षण गृह भिजवा दिया गया.
ह्यूमन एंट्री ट्रैफिकिंग यूनिट को शुक्रवार को जानकारी मिली कि बिहार से कुछ बच्चों को डबल डेकर बस से सहारनपुर के देवबंद में अवैध तरीके से ले जाया जा रहा है. इसके बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई. कोतवाली अयोध्या के नेशनल हाईवे पर चेकिंग शुरू कर दी गई. इस दौरान पुलिस ने बस को रुकवा लिया. बस में 4 से 12 साल के कुल 97 बच्चे सवार थे. उनके साथ 5 मौलवी भी थे. उनके साथ सहारनपुर स्थित एक मदरसे के प्रबंधक और शिक्षक भी थे.
पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. बस में सवार दो बच्चों के ही माता-पिता मिले हैं. 95 बच्चों के अभिभावक की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी. बच्चों को ले जाए जाने के लिए कोई अधिकार पत्र भी नहीं मिले हैं. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सर्वेश कुमार का कहना है कि बस में मौजूद लोग बच्चों को अपने साथ ले जाने का कोई अधिकार पत्र नहीं दिखा पाए.
बच्चों का मेडिकल करवाकर लखनऊ स्थित बाल संरक्षण संरक्षण गृह भिजवाया गया है. अभिभावकों के आने के बाद बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें सौंप दिया जाएगा. बच्चों को किस वजह से लेकर जाया जा रहा था, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. बच्चे बिहार के अररिया और पूर्णिया के रहने वाले हैं.