बीजेपी के साथ यूपी और केंद्र सरकार की धड़कने बढ़ाने वाली धर्मसभा शांति पूर्वक निपट गई। जिसतरह से शिवसेना ने आक्रामक नारा पहले मंदिर और फिर सरकार की बात की थी। उससे ये लग रहा था कि साधू-संतों के निशाने पर सीएम योगी के साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी को कोप का भाजन बनना पड़ेगा।
लेकिन तमाम आशंकाओं के बीच बीजेपी और मोदी पर ये धर्मसभा मंदिर के लिए ठोस प्रयास करने का दबाव तो बना गई। वहीं राहत की बात ये रही है कि धर्मसभा में दोनों पर विश्वास कायम रहा। धर्माचार्यों ने मंदिर बनाने की मांग जरूर की लेकिन मंदिर बनाने के लिए योगी और मोदी पर ही भरोसा जताया। साधू संतों की ये नरमी योगी और मोदी के बेहद राहत देने वाली है।
प्रधानमंत्री पर अब भी भरोसा कायम
धर्मसभा में संतों ने अपने भाषण में राम मंदिर निर्णाण को लेकर हो रही देरी के लिए सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। वहीं प्रदेश और केंद्र में बैठी सरकारों की मंशा पर कोई संदेह नहीं जताया। हालंकि इस दौरान ये अहसास जरूर कराया कि सरकारें अगर चाह लें तो उनको मंदिर बनाने से कोई रोक नहीं सकता। कुछ का मानना था कि प्रधानमंत्री मोदी के पास अब भी मौका है, अगर वो चाहें तो ये मौका भुना सकते हैं।
योगी पर दिखी नरमी
कुछ संतों ने इस दौरान यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रति काफी नरम रहे। इलाहाबाद और फैजाबाद जैसे शहरों का नाम बदलने से वो खुश थे तो कुछ ने उनके प्रयासों की जमकर सराहना की। चित्रकूट की तुलसी पीठ के महंत पदमविभूषण रामभद्राचार्य महाराज ने तो यहां तक कह दिया कि अब राममंदिर को लेकर कोई धर्मसभा नहीं की जाएगी। क्योंकि 11 दिसंबर को जब पीएम के साथ मुलाकात करेंगे, तो राममंदिर के आंदोलन का नया रास्ता तय हो जाएगा। यानी बिना ज्यादा कुछ कहे भद्राचार्य पीएम से खुश दिखे।
नाराज कम, संतुष्ट ज्यादा थे साधू
मंच पर आए बीजेपी नेताओं ने भी संतों के गुस्से को कम करने का काम किया। सभा की शुरुआत में थोड़ा-बहुत नाराजगी को भी रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने भी मोदी-योगी पर भरोसा जताया। फिर तो मोदी-योगी पर संतों के भरोसे का सिलसिला शुरू हो गया। महंत नृत्य गोपाल दास ने जब मोदी-योगी के पक्ष में बोला तो उद्धव ठाकरे के उन सवालों पर भी विराम लग गया। जिनको उठाकर बीजेपी पर हमलावर थे और महफिल लूटने की तैयारी में थे।
संतों को विश्वास मोदी सरकार बनाएगी मंदिर
सभा में आए संतों ने संकेत दे दिए कि सरकार मंदिर बनाएगी। पदमविभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य ने मंच से ये दावा किया की केंद्र सरकार के नंबर दो मंत्री से उनकी बातचीत हो गई है, उन्होंने बड़ा आश्वासन दिया है। राम भद्राचार्य के इस बयान से साफ है कि सरकार ने कुछ ऐसा जरूर सोचा है, जिसपर वो काम कर रही है। ताकि राम मंदिर का रास्ता साफ हो सके।
दो दिन चली तक अयोध्या माहौल गर्माने के बारे में वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला कहते हैं,
‘साधु-संतों की मांग सिर्फ मोदी सरकार पर दबाव बनाने तक ही सीमित रही। साधुओं की बात सुनकर यही लगा की वो मोदी और बीजेपी को कोस तो रहे हैं, लेकिन उनका साथ छोड़ना भी नहीं चाहते। चुनाव सामने है कहीं भी बीजेपी से खुद को अलग दिखाने की कोशिश नहीं करते। मोदी सरकार पर उन्होंने मंदिर नहीं बनाने का संदेह तक जाहिर नहीं किया’।