उत्तर प्रदेश के अयोध्या राम मंदिर निर्माण काम जोरों पर चल रहा है। भव्य मंदिर का भूतल तैयार हो गया है। मंदिर का निर्माण कार्य रात-दिन हो रहा है। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट इस आयोजन को आजादी के बाद देश में सबसे बड़े उत्सव के रूप में मनाने की तैयारियों में जुटी है।
राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रहे विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने निरंजनी अखाड़ा पहुंचे। चंपत राय ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (निरंजनी) के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से मुलाकात की और मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया।
चंपत राय ने बताया कि अगले साल 16 जनवरी से 24 जनवरी के बीच शुभ मुहूर्त में मंदिर में भूतल पर निर्मित गर्भ गृह में भगवान राम की मूर्ति स्थापित होगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दो मंजिला राम मंदिर का भूतल पूरी तरह तैयार हो गया है। मूर्ति स्थापना के बाद श्रद्धालु मंदिर में राम लला के दर्शन कर सकेंगे।
विश्व हिंदू परिषद के नेता और उपाध्यक्ष चंपत राय ने अभी संतों को मौखिक रूप से आमंत्रित कर रहे है। शुभ मुहूर्त निकलने के बाद नवंबर में देश के सभी संत समाज को मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण भेजेंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सालों की तपस्या, त्याग और संघर्ष के बाद हिंदू समाज का अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का स्वप्न साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी हिंदुओं को अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम के दर्शन अवश्य करने चाहिए। इस दिन से कई सालों से सभी इंतजार कर रहे थे।
मंदिर के ट्रस्ट का कहना है कि इस अवसर को व्यापक और यादगार बनाया जाएगा। इस खास मौके पर पूरे देश में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक भारत के हर कोने में राम महोत्सव मनाया जाएगा।
इस समारोह में भाग लेने के लिए बौद्ध, जैन और सिख पंथ सहित अन्य धर्मों के प्रमुख धार्मिक लोगों और देशभर के तमाम धर्मावलंबी, बुद्धिजीवी, संत-महात्मा, समाजसेवी, शहीदों के परिजनों और देश के सभी आध्यात्मिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने की योजना है।