शीतकाल के लिए दोपहर को बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट

बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए मंगलवार को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर बंद कर दिए गए. कपाट बंद होने के साथ ही चार धाम यात्रा भी औपचारिक रूप से विराम लग गया. वहीं इससे पहले सोमवार को धाम के कपाट बंद करने की तैयारी पूरी कर ली गई थी. कपाट बंद होने से पहले भगवान नारायण का फूलों से श्रृंगार किया गया. वहीं सोमवार की आरती के बाद भगवान नारायण के आभूषण श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के खजाने में रख दिए गए.

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वहीं जब 6 महीने बाद कपाट खुलेंगे तब इन आभूषणों को बाहर निकाला जाएगा. फूलों से सजे इस मंदिर की आभा देखते ही बनती है. वहीं परंपरा के अनुसार सुबह धाम के मु्ख्य पुजारी रावन ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने भगवान बदरी नारायण के प्रतिनिधि के रूप में परिक्रमा परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में जाकर मां लक्ष्मी को भगवान के साथ गर्भगृह में विराजने का न्यौता दिया. इसी दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान के अंतिम आभूषण श्रृंगार दर्शन किए.

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