नैनीताल : एनएच 74 के भूमि मुआवजा घोटाले के 14 आरोपियों में से पांच को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. जबकि, अन्य के जमानत प्रार्थना पत्रों पर एक नवंबर को सुनवाई होगी. बुधवार को डीपी सिंह सहित अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सहायक चकबंदी अधिकारी काशीपुर अमर सिंह, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राम समुज, संग्रह अमीन काशीपुर अनिल कुमार, काशीपुर एसडीएम के पेशकार संजय कुमार चौहान और कृषक संतराम के जमानत प्रार्थना पत्रों को स्वीकार कर लिया. 10 मार्च 2017 को डीपी सिंह सहित सभी आरोपियों के खिलाफ पंतनगर थाने में एफआईआर कराई गई थी.
ये भी पढ़ें- कौन हैं वो महिलाएं जो सबरीमाला में घुसने की कर रही हैं कोशिश
निचली अदालत ने ख़ारिज कर दी थी याचिका
इन पर एनएच 74 के मुआवजा निर्धारण में वित्तीय अनियमितता, भूमि के अभिलेखों में हेराफेरी, राजस्व हानि और सरकारी धन का दुरुपयोग करने के आरोप थे. जांच में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, पथरी लेखपाल, चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी, चकबंदी अधिकारी, लेखपाल और अन्य दोषी पाए गए थे. निचली अदालत ने सभी आरोपियों के जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था.इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किए थे. कोर्ट ने डीपी सिंह, विकास कुमार, चरन सिंह, भगत सिंह फोनिया, विकास चौहान उर्फ विकास कुमार, अनिल कुमार शुक्ला आदि की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए एक नवंबर की तिथि नियत की.