ढाका: बांग्लादेश में हफ्ते भर से स्कूल और कॉलेज के छात्र रोड सेफ्टी से जुड़े नियमों में बदलावों की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं. इन छात्रों की मांग है कि बांग्लादेश के ट्रैफिक नियमों में बदलाव किए जाने चाहिए, शराब पीकर गाड़ियां चलाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई हो और सड़कों पर तेज रफ्तार से चलने वाली गाड़ियों को धीमा करने के लिए स्पीड ब्रेकर लगाए जाऐं.
हफ्ते भर से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश सरकार ने आश्वासन दिया है कि वो सड़क सुरक्षा से संबंधित कानूनों को कड़ा करेगी और नए कानून लाएगी. लेकिन ये आश्वासन एक बड़े विरोध के बाद आ पाया है इस मुद्दे की तरफ सत्ता का ध्यान खींचने के लिए छात्रों को खुद सड़कों पर उतरकर लोगों का लाइसेंस चैक करना पड़ा था. लेकिन जल्द ही ये विरोध हिंसक हो गया और 300 से ज्यादा गाड़ियों को जला दिया गया. कई मीडिया रिपोर्टस की मानें तो छात्रों का ये शांतिपूर्वक आंदोलन तब हिंसक हो गया जब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया और आसूं गैस की बौछारें की गई. बता दें कि छात्रों के इस आंदोलन की शुरूआत तब हुई जब एक तेज रफ्तार बस ने दो नाबालिगों को कुचल दिया था जिससे उनकी मौत गई थी.
रोड सेफ्टी को लेकर हो रहे विरोध में अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है औऱ कई सौ घायल हो चुके हैं. सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस द्वारा हुई हिंसा की वजह से बांग्लादेश सरकार की वैश्विक स्तर पर आलोचना हो रही है. बता दें कि बांग्लादेश में हर साल सड़क हादसों के चलते लगभग 7000 लोगों की मौत हो जाती है.
छात्रों के इस विरोध के चलते बांग्लादेश और अमेरिका के बीच भी तल्खियां बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. चुंकि ढाका स्थित अमेरीकी दूतावास ने छात्रों के प्रदर्शन को कुचलने और उन पर लाठी चार्ज करने को लेकर फेसबुक पोस्ट के जरिए बांग्लादेश सरकार की जमकर आलोचना की थी. जिसके बाद बांग्लादेश के सुचना, प्रसारण मंत्री हसन उल हक इनु ने अमेरिका पर बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करने का आरोप लगाया.