मुंबई, राजसत्ता एक्सप्रेस। डॉक्टरों की सलाह और पत्नी की अंतिम इच्छा के बावजूद अतुल की आर्थिक स्थिति अब ऐसी नहीं रह गई है कि वो वापस अपने घर जा सकें। उनके पास अब महज तीन हजार रुपये बचे हैं, जबकि परेल से पत्नी को एंबुलेंस में बिहार ले जाने के लिए करीब 70 हजार रुपये की जरूरत है। अतुल की मानें तो उनके पास इतने पैसे नहीं हैं, इसलिए वो बिहार जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। यही नहीं हालात के आगे मजबूर होकर अब उन्होंने खुद को कमरे में कैद कर लिया और अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है। लॉकडाउन के चलते तमाम मजबूरी और बेबसी की कहानी सामने आ रही हैं।
हम बात कर रहे हैं बिहार के रहने वाले अतुल श्रीवास्तव की। अतुल की पत्नी कैंसर से पीड़ित हैं.. थर्ड स्टेज यानि ‘अब कुछ नहीं हो सकता’ वाले दौर से गुजर रहीं हैं। बेबसी का आलम यह है कि अतुल, कोई करिश्मा होने वाली आस भी छोड़ चुके हैं। वे अपनी जीवित पत्नी के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हैं। हम इतना ही कहेंगे.. संकट के समय मनुष्य की सबसे बड़ी योग्यता उसका धैर्य है.. अतुल का धीरज ना टूटे। आइये आपको बताते हैं अतुल की हंसती खेलती दुनिया कैसे एक साल में नर्क से भी बदतर होती चली गई..
कैंसर का दंश
बिहार के अतुल श्रीवास्तव अपनी पत्नी बंदना और उनकी छोटी बहन के साथ मुंबई के परेल में रह रहे हैं। 35 वर्षीय बंदना काफी समय से बीमार थीं, उन्हें किडनी का कैंसर है। उनकी लगातार बिगड़ती सेहत को देखते हुए इलाज कराने के लिए 45 वर्षीय अतुल उन्हें लेकर 9 मार्च को मुंबई पहुंचे। परेल के केईएम अस्पताल में बंदना का इलाज शुरू हुआ, ऐसे में पत्नी को रोजाना डॉक्टर को दिखाने के लिए अतुल ने अस्पताल के पास में ही एक कमरा किराये पर ले लिया।
पढ़ें: चिलचिलाती धूप में बीच सड़क पर दिया मजदूर महिला ने बच्चे को जन्म, 2 घंटे बाद फिर चली 300 किमी
इलाज में लगा दी जीवन भर की कमाई
अभी पत्नी का इलाज चल ही रहा था कि कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी। देशभर में लॉकडाउन घोषित हो गया। इस बीच अतुल की स्थिति ऐसी नहीं रही कि वो वापस बंदना को लेकर अपने घर बिहार आ सकें। करीब एक साल पहले अतुल को बंदना के कैंसर की बीमारी का पता चला। इस दौरान कपड़े का व्यापार करने वाले अतुल ने पत्नी के इलाज में करीब 10 लाख रुपये खर्च कर दिए।
बंदना की आखिरी ख्वाहिश
अतुल लगातार बंदना के इलाज में जुटे रहे लेकिन उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। इस बीच परेल में बंदना का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने भी अतुल को सलाह दी कि उनकी पत्नी ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रहेंगी, ऐसे में वो उन्हें लेकर घर चले जाएं। वहीं बंदना भी लगातार बिगड़ती अपनी सेहत के बीच एक बार अपने बच्चों से मिलना चाहती हैं। अतुल-बंदना के दो बच्चे हैं जिनकी उम्र क्रमशः 10 और 11 साल है। दोनों ही बच्चे बिहार में हैं, जबकि वो मुंबई के परेल में हैं।
पढ़ें: मां का दूध पीने वाले नवजातों में नहीं हो रहा कोरोना का असर! पढ़िये ये रिपोर्ट