बिलकिस बानो मामले में गुजरात सरकार द्वारा 11दोषियों की रिहाई के विरुद्ध याचिका पर आज सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार को नोटिस भेजा है। अब इस केस की अगली सुनवाई दो सफ्ताह पश्चात बाद होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी 11 दोषियों को भी पक्ष बनाने का निर्देश दिया है।
Bilkis Bano case | Supreme Court seeks response from Gujarat govt on a plea challenging the remission granted to 11 convicts; issues notice to the Gujarat government and posts the matter for hearing after two weeks. pic.twitter.com/7eNAUhl3kM
— ANI (@ANI) August 25, 2022
गौरतलब है कि गुजरात के गोधरा कांड के बाद प्रदेश में दंगे की आग सुलग गई थी और इसी दंगे के दौरान बिलकिस बानों के परिवार के सात लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं हिसकों ने बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप जैसा घिनौना अपराध भी किया था।
2008 जनवरी 21 को सभी आरोपियों उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन अवधि से पूर्व हो गए रिहा
मुंबई की एक स्पेशल CBI कोर्ट ने 21 जनवरी, 2008 को मर्डर और गैंग रेप के केस में सभी 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने उनकी सजा को बरकरार रखा। इन दोषियों ने 15 वर्ष से ज्यादा समय तक कारागार में सेवा की, जिसके पश्चात उनमें से एक दोषी ने अपनी अवधीपूर्व रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में गया। सर्वोच्च अदालत ने गुजरात सरकार को उसकी सजा की छूट के विषय को 1992 की नीति के मुताबिक उसकी दोषसिद्धि की तारीख के आधार पर देखने का निर्देश दिया था। इसके पश्चात, सरकार ने एक कमेटी गठित की और सभी दोषियों को कारागार से अवधि से पूर्व रिहा करने का आदेश जारी किया।