भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का शहीद ATS चीफ हेमंत करकरे पर दिया विवादित बयान पार्टी के लिए मुसीबत बन रहा है। इससे बचने के लिए बीजेपी ने सफाई में एक पत्र जारी किया है। इसमें लिखा गया है कि बीजेपी का स्पष्ट मानना है कि हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। पार्टी ने हमेशा उन्हें शहीद माना है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर कहा गया, ‘यह उनका निजी बयान है, जो वर्षों तक उन्हें हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया गया होगा।’
साध्वी प्रज्ञा 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम धमाके की आरोपी हैं। इसी वजह से उनके चुनाव लड़ने पर खूब विरोध हो रहा है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि हेमंत करकरे की आतंकवादियों द्वारा हत्या उनके कर्मों की सजा है। उन्होंने मुझे गलत तरीके फंसाया था।
साध्वी प्रज्ञा ने कहा,‘उस समय मैं मुंबई जेल में थी। राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाकर कहा कि जब तुम्हारे पास सबूत नहीं है, तो साध्वी को छोड़ दो। बिना सबूत के इनको रखना गैरकानूनी है। लेकिन उसने कहा कि मैं कुछ भी करूंगा, कहीं से भी सबूत लेकर आऊंगा, लेकिन साध्वी को नहीं छोडूंगा।’
बकौल साध्वी, ‘उसकी यह कुटिलता धर्म विरुद्ध थी। वो मुझसे तमाम तरह के प्रश्न करता था कि ऐसा क्यों हुआ? वैसा क्यों हुआ? मैं उसे कहती कि मुझे क्या पता। भगवान जाने, तो उसने कहा कि क्या मुझे ये जानने के लिए भगवान के पास जाना पड़ेगा। मैंने कहा, बिल्कुल अगर आपको आवश्यकता है, तो आप जरूर जाइए।’
साध्वी ने कहा, ‘मैंने उसे कहा कि तेरा सर्वनाश होगा। मुझे असहनीय यातनाएं और गालियां दी गईं। जब किसी के यहां मृत्यु या जन्म होता है, तो ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन सूतक लग गया था और जिस दिन आतंकवादियों ने उसे मारा, सूतक खत्म हो गया था।’
उन्होंने कहा, ‘2008 में जब मैं जेल गई और आसुरी शक्तियां यहां व्याप्त हो गईं। संन्यासी को बिना अपराध के जेल के अंदर डाला गया। उस दिन मैंने कहा कि इस शासन का अंत और सर्वनाश हो जाएगा और आज प्रत्यक्ष उदाहरण आपके सामने है।’