Bios Locker Room में सनसनीखेज खुलासा, गैंगरेप की प्लानिंग करने वाली निकली नाबालिग लड़की

राजसत्ता एक्सप्रेस। जिस ‘बॉयज लॉकर रूम’ की वायरस चैट्स को लेकर इतना हो-हल्ला हुआ, वो चैट्स ‘बॉयज लॉकर रूम’ है ही नहीं। ये सुनकर शायद आप भी चौंक गए होंगे। ‘बॉयज लॉकर रूम’ में गैंगरेप की प्लानिंग की चैट्स से जुड़ा ये खुलासा सामने आने के बाद एक बार फिर से ट्विटर पर #BoisLockerRoom ट्रेंड करने लगा है। इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों से मिली जानकारी ने लोगों के पैरों तरे जमीन खिसका देने का काम किया है। जांच अधिकारी ने बताया कि गैंगरेप प्लानिंग करने वाली चैट्स एक दूसरी आईडी से की गई थी और इस आईडी को चलाने वाली एक नाबालिग लड़की है। जो लड़के के नाम से फर्जी आईडी बनाकर दूसरे लड़कों से बात किया करती थी।

लड़की ने फर्जी आईडी बनाकर की गैंगरेप की बात

जांच अधिकारी ने ये भी बताया कि जो चैट्स वायरल हुईं थी, वो मार्च महीने की हैं, जो सिर्फ दोनों लोगों के बीच हुई बातचीत थी। किसी ग्रुप में ये बातचीत नहीं हुई थी। बताया जा रहा है कि ये चैट्स ‘बॉयज लॉकर रूम’ में की गई बातचीत के नाम से वायरल हो गया। जब मामले की पड़ताल की, तो जांच अधिकारी को पता चला कि ‘बॉयज लॉकर रूम’ में गैंगरेप करने की कोई बातचीत हुई ही नहीं।

ऐसा लड़की ने क्यों किया?

अब सवाल ये उठता है कि आखिर लड़की फर्जी आईडी बनाकर नाबालिग लड़की लड़का बनकर दूसरे लड़के से गैंगरेप वाली बातचीत क्यों कर रही थी? अधिकारियों ने बताया कि फर्जी आईडी बनाकर ये लड़की दूसरे लड़के का चरित्र जानना चाहती थी, इसी कारण उसने जानबूझकर उससे इस तरह की गंदी बात की। जब ‘बॉयज लॉकर रूम’ की बातचीत वायरल हुई, तो इन दोनों की बातचीत भी साथ में वायरल हो गई।

फर्जी आईडी सिद्धार्थ से कर रही थी चैटिंग

ये लड़की सिद्धार्थ नाम से फर्जी आईडी बनाकर दूसरे लड़के से चैटिंग कर रही थी। ये लड़ी दक्षिण दिल्ली की रहने वाली है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जब इस लड़की से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वो जिस लड़के से चैट कर रही थी, वो उसका चरित्र जानना चाहती थी। गैंगरेप की बात करने पर उसकी प्रतिक्रिया जानना चाहती थी। उसने मजे के लिए ऐसा किया। उसने बताया कि इस चैटिंग का बॉयज लॉकर रूम से कोई लेना-देना नहीं है।

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साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय का बयान

साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय ने बताया कि बॉयज लॉकर रूम और स्नैपचैट का वायरल स्क्रीनशॉट दोनों अलग-अलग हैं। इनका एक-दूसरे से कोई लेना देना नहीं है। गैंगरेप की बातचीत वाला स्क्रीनशॉट मार्च महीने का है, जबकि बॉयज लॉकर रूम अप्रैल महीने के पहले हफ्ते में बना। जब सोशल मीडिया पर बॉयज लॉकर रूम का मामला आया, तो स्नैपचैट के स्क्रीनशॉट को इससे जोड़ दिया गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा कि बॉयज लॉकर रूम में लड़कियों का गैंगरेप करने की प्लानिंग की जा रही है।

‘बॉयज लॉकर रूम’ ग्रुप का एडमिन भी गिरफ्त में

बहरहाल, ‘बॉयज लॉकर रूम’ ग्रुप का एडमिन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, पुलिस ने अब नाबालिग लड़की को भी अरेस्ट कर लिया है। इसके अलावा साइबर सेल ने एक दर्जन छात्रों से पूछताछ भी की है। साइबर सेल का कहना है कि इस ग्रुप से जुड़े कुल 27 मेंबर्स का कहना है कि उन्होंने ग्रुप में कोई अभद्र या अश्लील बात नहीं की है। जो चैट वायरल हुई है, वो उनकी चैट का हिस्सा नहीं है।

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