CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को नहीं ठहरा सकते देशद्रोही, बॉम्बे हाईकोर्ट ने की टिप्पणी

देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून(CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(NRC) को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में कोई इन प्रदर्शनकारियों को देशद्रोही, तो कोई गद्दार कह रहे हैं। इसी मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट की ओरंगाबाद बेंच की बेच ने सुनवाई करते हुए कहा कि  CAA और NRC  का विरोध करने वालों को देशद्रोही नहीं कहा जा सकता है।

कोर्ट ने कहा कि एक आंदोलन को सिर्फ इस आधार पर नहीं दबाया जा सकता कि वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि नौकरशाहों को ध्यान रखना चाहिए कि जब लोग यह मानने लगें कि विशेष अधिनियम उनके अधिकारों पर हमला है तो ऐसे में वे अपने उस अधिकार की रक्षा करने के लिए बाध्य हैं।कोर्ट ने आगे कहा कि अदालत ये पता लगाने के लिए नहीं है कि क्या इस तरह के अधिकार का प्रयोग कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करेगा।

आपको बता दें कि CAA और NRC के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोग, दिल्ली चुनाव के वक्त बीजेपी नेताओं के निशाने पर रहे। शाहीन बाग के मामले पर बीजेपी नेताओं ने सारी सीमाएं लांघ दी थी और बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा ने कहा था कि दिल्ली में कश्मीर जैसी स्थिति बन रही है..वहां बैठे लाखों लोग आपके घर में घुस जाएंगे और मां-बहनों का रेप करेंगे..हत्या कर देंगे

तो वहीं बीजेपी उम्मीद्वार कपिल मिश्रा ने शाहीन बाग को तौहीन बाग और मिनी पाकिस्तान कहा था। जिस पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए कपिल मिश्रा के चुनाव प्रचार पर 48 घंटे के लिए बैन लगा दिया था।

पाकिस्तान और देशद्रोहियों से तुलना करने के बाद बीजेपी के नेता तरुण चुघ इससे भी आगे निकल गए। उन्होंने शाहीन बाग को शैतान बाग बताया और कहा कि हम लोग दिल्ली को सीरिया नहीं बनने देंगे. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि ISIS आतंकी संगठन ने दिल्ली में महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल किया है।

केंद्रीय मंत्री की ओर से शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने वालों को टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य बताया गया तो वहीं वोटरों से अपील की गई है कि आपका एक वोट बताएगा कि आप भारत माता के नारे के साथ हैं या फिर शाहीन बाग वालों के साथ.

लेकिन अब इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट की ओरंगाबाद बेंच की बेच ने सुनवाई करते हुए कहा कि  CAA और NRC  का विरोध करने वालों को देशद्रोही नहीं कहा जा सकता है। अगर जनता को लगता है कि कानून उनके अधिकारों पर हमला है, तो वे उसके खिलाफ आवाज़ उठा सकते हैं। लेकिन ऐसे में उन्हें देशद्रोही नहीं कहा जा सकता।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles