नई दिल्ली। सिंघु बॉर्डर पर मारे गए पंजाब के दलित युवक लखबीर सिंह केस में एक निहंग युवक ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वहीं अब इस केस में पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। वहीं अब यूपी की पूर्व CM और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सरकारी नौकरी की मांग की है। मायावती ने इस केस में ट्वीट करते हुए कहा कि सिंघु बॉर्डर पर दलित युवक की हत्या दुखद और निंदनीय है। इसके साथ ही बसपा ने यह मांग की है कि पुलिस घटना को गंभीरता से ले और दोषियों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई करें।
BSP प्रमुख मायावती ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहयोग किए जाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब के दलित CM भी लखीमपुर खीरी की तरह पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहयोग व सरकारी नौकरी दें।
1. दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर पजंाब के एक दलित युवक की नृशंस हत्या अति-दुखद व शर्मनाक। पुलिस घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे तथा पंजाब के दलित सीएम भी लखीमपुर खीरी की तरह पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की मदद व सरकारी नौकरी दें, बीएसपी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) October 16, 2021
वहीं एक मीडिया चैनल से बात करते हुए मृतक लखबीर सिंह के परिजनों ने कहा कि वो नशे का आदी था और उसे सिंघु बॉर्डर ले जाने के लिए भी लालच दिया गया था। इसके साथ ही लखबीर के ससुर ने का कहना है कि उसे वहां जाने का लालच दिया गया। इसकी जांच होनी चाहिए और उसे इंसाफ मिलना चाहिए। बता दें कि लखबीर सिंह एक मजदूर के रूप में काम करता था। उनकी बहन ने मीडिया को बताया, “उसने 50 रुपये लिए और कहा कि वह चंबल में काम करने जा रहा है और एक हफ्ते के बाद वापस लौट आ जाएगा। मुझे लगा कि वह वहां काम करने गया है। वह ऐसा व्यक्ति नहीं था, दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।”
वहीं इस केस में मृतक लखबीर सिंह के घर पर पहुंचे ASI कबाल सिंह ने बताया कि उनके परिवार में पत्नी, तीन बेटियां हैं, जिनमें सबसे छोटी 8 वर्ष की और सबसे बड़ी बेटी की उम्र 12 वर्ष है। ASI कबाल सिंह ने यह भी कहा कि 5-6 वर्ष पूर्व लखबीर सिंह को उसकी पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया था और वो अलग रहती हैं।