आजमगढ़। बसपा अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को यहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पक्ष में वोट मांगते हुए कहा, ‘‘आप सभी समझना आजमगढ़ से अखिलेश नहीं मैं (मायावती) चुनाव लड़ रही हूं। रिकार्ड वोटों से इनकी ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित करें।’ तो वहीं अखिलेश यादव ने भी इस धरती से अपना रिश्ता जोड़ते हुए अपने पक्ष में वोट करने की अपील की।
रानी की सरायं के चेक पोस्ट मैदान में गठबंधन की संयुक्त रैली में भारी भीड़ उमड़ी। रैली को मायावती, अखिलेशयादव और रालोद प्रमुख चौ. अजित सिंह ने सम्बोधित किया। बसपा अध्यक्ष मायावती ने भाजपा के साथ ही कांग्रेस को निशाने पर रखा तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर तीखे शब्द बाण चलाये। उन्होेंने कहा यह गठबंधन केन्द्र से मोदी सरकार तो यूपी से योगी सरकार को उखाड़ फेंकने तक चुप नहीं बैठेगा। ठेठ पूर्वाचल का शहर आजमगढ़ सपा-बसपा का गढ़ है। जिले की 10 सीटों में से नौ सीटें सपा-बसपा के पास हैं।
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सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद हैं। शायद यही वजह रही कि मायावती ने अपने भाषण में समर्थकों को भाजपा के भ्रम में नहीं फंसने की नसीहत देते हुए कहा, ‘‘यदि कहीं आपस में कोई गिला-शिकवा हो तो उसे भूल जाओ और मोदी को हराओ।’मायावती आज मंच से टीचर की भूमिका में दिखीं। सभा में आयी भीड़ को समझाया, आजमगढ़ में अखिलेश नहीं बल्कि यह समझो कि मैं (मायावती) खुद चुनाव लड़ रही हूं। इन्हें ऐतिहासिक वोटों से जिताना। साथ ही जिले की दूसरी सीट लालगंज (सु) से उन्होंने बसपा प्रत्याशी संगीता आजाद को जिताने की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि, केन्द्र में भाजपा सरकार का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दलितों, पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रहे हैं।
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भाजपा ने सपा परिवार में बिखराव करवा कर शिवपाल सिंह यादव को अपने साथ मिलाया है। सपा अध्यक्ष और आजमगढ़ से प्रत्याशी अखिलेश यादव नामांकन दाखिल करने के बाद बुधवार को पहली बार यहां मतदाताओं से मुखातिब हुए। उन्होंने अपनी जीत सुनिश्चित कराने का आह्वान करते हुए कहा, आप मुझे जिताएंगे तो मैं भी आपके बीच रहकर काम करूंगा। उन्होंने कहा अन्य क्षेत्रों में गठबंधन प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने के कारण आजमगढ़ में ज्यादा समय नहीं दे सका हूं।
यादव ने कहा नोटबंदी और जीएसटी से प्रधानमंत्री मोदी ने देश में आर्थिक संकट पैदा किया। इससे देश में नौकरियां खत्म हो गईं। तब चाय वाला बनकर धोखा दिया और चौकीदार बनकर भ्रम फैला रहे हैं। यह चुनाव सामाजिक न्याय के जरिए महापरिवर्तन का है। इस चुनाव में चौकीदार की ‘‘चौकी’ जनता छीनेगी।इसके साथ ही श्री यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा, ‘‘जनता को बाबा मुख्यमंत्री को भी सबक सिखाना होगा। सूबे की कानून व्यवस्था चौपट है। इस पर बाबा मुख्यमंत्री ने ‘‘ठोको’ नीति चला दी। इसमें कहीं पुलिस जनता को ठोक रही तो कहीं जनता पुलिस को पीट रही है।
सपा अध्यक्ष यादव ने अति पिछड़ी जातियों को साधने के मद्देनजर ही कहा ‘‘बाबा मुख्यमंत्री कहते हैं यदि संविधान नहीं होता तो हम (यादव) भैंस चरा रहे होते। जब मुख्यमंत्री मेरे बारे में ऐसा कहते हैं तो फिर पाल, राजभर, कश्यप, निषाद, बिंद, लोनिया चौहान आदि जाति के लोगों के बारे में कैसी बातें करते होंगे। मैं कहता हूं यदि संविधान नहीं होता तो बाबा भी मुख्यमंत्री नहीं होते’। श्री यादव ने सपा-बसपा-रालोद गठबंधन को मजबूत बताते हुए कहा, यह लखनऊ से दिल्ली तक जायेगा। इससे देश में नई सरकार बनेगी और नया प्रधानमंत्री मिलेगा’।