आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका में पेट्रोल खरीदने के लिए लाइन में खड़े दो और लोगों की मृत्यु हो गई। ये मौतें उस दिन हुईं जब श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने खराब नकदी संकट घटाने के लिए दिनेश गुणवर्धने को पीएम के तौर पर नियुक्त किया। उधर, श्रीलंकाई मंत्रिमंडल ने विक्रमसिंघे के अगुवाई में पहली बैठक की और एक हफ्ते में देश के सामान्य हालात करने के उपायों पर बातचीत की।
समाचार पोर्टल ‘लंका फर्स्ट’ के मुताबिक, 59 साल के व्यक्ति अपनी मोटरसाइकिल को श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में स्थित किनिया में एक पेट्रोल पंप के समीप दो रात से ज्यादा वक्त से छोड़कर जाते समय गिर गया। पीड़ित के शव को पोस्टमार्टम के लिए किनिया बेस अस्पताल ले जाया गया। वहीं देश के पश्चिमी प्रांत के मथुगामा में एक पेट्रोल पंप के बाहर ईंधन लेने के लिए कतार में लगे 70 साल के व्यक्ति की गिरने के बाद मौत हो गई। गौरतलब है कि, देश के पेट्रोल पंपों पर 10 दिन बाद ईंधन की सप्लाई शुरू की गई है, लेकिन वितरण की निर्धारित व्यवस्था न होने के चलते लोगों का सैलाब जुट रहा है।
प्रदर्शनकारियों पर सेना की कार्यवाही की हो रही है निंदा
न्यूयॉर्क आधारित एक अधिकार समूह ने श्रीलंका में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सेना द्वारा शुक्रवार को की गई कार्रवाई की निंदा की है। इस कार्रवाई में 50 से अधिक लोग जख्मी हुए थे और नौ लोगों को हिरास्त में लिया गया था । कोलंबो में भी सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर सेना की कार्यवाही की मानवाधिकार समूह ने बुराई की है। उसने कहा, प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग करना ठीक नही है।