आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों पर एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन प्रोफेसरों पर आईआईटी कानपुर में ही काम करने वाले एक दलित प्रोफेसर को प्रताड़ित करने का आरोप है.इनके खिलाफ कानपुर के कल्याणपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है.
आईआईटी धनबाद के डायरेक्टर पर भी मुकदमा
जिन प्रोफेसरों पर आरोप है उनमें से तीन अभी भी वहीं पर कार्यरत है जबकि एक आईआईटी धनबाद में है. जिन प्रोफेसरों पर आरोप है उनमें संजय मित्तल, चंद्रशेखर उपाध्याय है जो एयरोस्पेस डिपार्टमेंट के हैं, वही इशांत शर्मा जो मैकेनिकल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर है, चौथे प्रोफेसर राजीव शेखर अभी आईआईटी धनबाद में डायरेक्टर है.
कल्याणपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई एफआईआर में इन चारों के साथ एक अन्य का के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 500, आईटी एक्ट, और एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह एफआईआर रविवार को दर्ज की गई है.
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क्या है पूरा मामला
शिकायतकर्ता सुब्रहमन्यम सदरेला ने बताया कि उसने 1 जनवरी 2018 को आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट जॉइन किया था. जिसके बाद उनके सीनियर साथियों ने उनके बारे में ऐसी अफवाहें फैलाने शुरू कर दी वो दिमागी तौर पर अस्वस्थ है और उन्होंने आरक्षण के दम पर यह नौकरी पाई है.
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क्या है पूरा मामला
सुब्रहमन्यम सदरेला ने इसके खिलाफ एयरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रमुख को इसके बारे में कड़े शब्दों में एक मेल भी किया था. जिसके बाद इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया. कमेटी ने जांच के बाद जो अपनी रिपोर्ट दी उसमें इन आरोपों को सही पाया. जिसके बाद 16 अप्रैल2018 को चारों प्राफेसरों को उनके प्रशासनिक पद से मुक्त कर दिया गया।
चारों प्रोफेसरों ने एफआईआर खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी. लेकिन कोर्ट से भी उन्हे राहत नहीं मिली.