सीबीआई मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. इसी बीच आज एक और नया खुलासा हुआ है. सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना के खिलाफ चल रही जांच को प्रभावित किया.
‘आरोपियों के साथ डोवाल के अच्छे रिश्ते’
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में एनएसए पर सनसनीखेज आरोप लगाने वाले सीबीआई में डीआईजी एमके सिन्हा ने कहा कि, केस में शामिल दो बिचौलियों के डोभाल के साथ अच्छे रिश्ते हैं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सतीश सना ने जांच के दौरान उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के करीबी और गुजरात से सांसद केंद्रीय कोयला और खान राज्य मंत्री हरिभाई चौधरी को करोड़ो रूपय की घूस दी गई. ताकि मामले में मदद मिल सके.
‘पीएमो ने सीबीआई को किया मैनेज’
राकेश अस्थाना की जांच का केस देख रहे एमके सिन्हा ने अपनी याचिका में आगे आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास खूफिया एजेंसी ‘रॉ’ के अधिकारी सामंत गोयल की कॉल रिकॉर्डिंग भी है जिसमें वो कहते हुए सुने जा सकते हैं कि, ”पीएमो ने सीबीआई के मुद्दे को मैनेज कर लिया है।” सिन्हा ने आरोप लगाया कि इसी रात अस्थाना मामले की जांच कर रही पूरी टीम को हटा दिया गया.
‘सना ने सीवीसी कमिश्नर के साथ की थी मुलाकात’
सिन्हा ने सीवीसी के कमिश्नर केवी चौधरी और सना सतीश बाबू की मुलाकात का भी दावा किया. अपनी अर्जी में उन्होंने कहा कि यह मुलाकात मोइन कुरैशी मामले में यूनियन लॉ सेक्रेटरी सुरेश चंदा ने कराई थी जो 11 नवंबर को हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिक में एमके सिन्हा ने आगे कहा कि, “मनोज प्रसाद ( जो अस्थान मामले में गिरफ्तार बिचौलिया है) के मुताबिक उसके पिता दिनेश्वर प्रसाद और जॉइंट सेक्रेटरी पद से रिटायर्ड सोमेश के अजित डोवाल (एनएसए) से अच्छे संबंध रहे हैं।”
‘आरोपियों ने डोवाल के किए है कई महत्वपूर्ण काम’
सिन्हा ने दावा किया कि जब मनोज को जांच के लिए सीबीआई दफ्तर लाया गया तब बुरी तरह से बौखलाया हुआ था. उसे इस बात की हैरीन थी कि एनएसए डोभाल के साथ उसके अच्छे संबंध होने के बावजूद सीबीआई उसे कैसे उठा सकती है. सिन्हा ने अपनी याचिका में दावा तो यह भी किया कि समोश और समंत गोयल ने अजित डोवाल के निजी और महत्वपूर्ण काम किए हैं.