भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) चंद्रयान-2 को ले जाने वाले भारी-भरकम और देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 का रिहर्सल पूरा कर लिया है। ‘बाहुबली’ नाम से चर्चित यह ताकतवर रॉकेट सामान्य तरीके से काम कर रहा है। इससे चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को दोपहर 2: 43 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दिन की यात्रा शुरू हो जाएगी। पहले इसे 15 जुलाई को चंद्रयान-2 को लॉन्च किया जाना था, लेकिन ऐन वक्त पर लॉन्च व्हीकल में लीक जैसी तकनीकी खामी का पता चलने पर इसे टाल दिया गया था। इसरो वैज्ञानिकों ने 15 जुलाई की लॉन्चिंग की तुलना में आज होने वाली लॉन्चिंग में कुछ बदलाव किए हैं। आइए जानते हैं उस बदलान के बारे में…………….
- पृथ्वी के ऑर्बिट में जाने का समय लगभग एक मिनट बढ़ा दिया गया है-
22 जुलाईः चंद्रयान-2 अब 974.30 सेकंड (करीब 16.23 मिनट) में पृथ्वी से 181.65 किमी की ऊंचाई पर पहुंचेगा।
15 जुलाईः चंद्रयान-2 को तब 973.70 सेकंड (करीब 16.22 मिनट) में पृथ्वी से 181.61 किमी पर जाना था।
- पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार चक्कर में बदलाव, एपोजी में 60.4 किमी का अंतर-
22 जुलाईः चंद्रयान-2 लॉन्चिंग के बाद पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाएगा। इसकी पेरिजी (पृथ्वी से कम दूरी) 170 किमी और एपोजी (पृथ्वी से ज्यादा दूरी) 39120 किमी होगी।
15 जुलाईः चंद्रयान-2 अगर लॉन्च होता तो इसकी पेरिजी 170.06 किमी और एपोजी 39059.60 किमी होती। यानी एपोजी में 60.4 किमी का अंतर लाया गया है। यानी पृथ्वी के चारों तरफ लगने वाला चक्कर कम किया जाएगा।
- चंद्रयान-2 की चांद पर जाने के समय में की गई 6 दिन की कटौती-
अगर 15 जुलाई को चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक लॉन्च होता तो वह 6 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरता करता। लेकिन आज की लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-2 को चांद पर पहुंचने में 48 दिन ही लगेंगे। यानी चंद्रयान-2 चांद पर 6 सितंबर को ही पहुंचेगा। इसरो वैज्ञानिक इसके लिए चंद्रयान-2 को पृथ्वी के चारों तरफ लगने वाले चक्कर में कटौती होगी। संभवतः अब चंद्रयान-2 पृथ्वी के चारों तरफ 5 के बजाय 4 चक्कर ही लगाए।
- चंद्रयान-2 की वेलोसिटी में 1.12 मीटर प्रति सेकंड का इजाफा किया गया-
चंद्रयान-2 आज यानी 22 जुलाई को लॉन्च होने के बाद अब चांद की ओर ज्यादा तेजी से जाएगा। अब अंतरिक्ष में इसकी गति 10305.78 मीटर प्रति सेकंड होगी। जबकि, 15 जुलाई को लॉन्च होता तो यह 10,304.66 मीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की तरफ जाता। यानी इसकी गति में 1.12 मीटर प्रति सेकंड का इजाफा किया गया है।
चंद्रयान-2 के 48 दिन की यात्रा के विभिन्न पड़ाव
चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान 22 जुलाई से लेकर 13 अगस्त तक पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। इसके बाद 13 अगस्त से 19 अगस्त तक चांद की तरफ जाने वाली लंबी कक्षा में यात्रा करेगा। 19 अगस्त को ही यह चांद की कक्षा में पहुंचेगा। इसके बाद 13 दिन यानी 31 अगस्त तक वह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। फिर 1 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ यात्रा शुरू करेगा। 5 दिन की यात्रा के बाद 6 सितंबर को विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। लैंडिंग के करीब 4 घंटे बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से निकलकर चांद की सतह पर विभिन्न प्रयोग करने के लिए उतरेगा।
मिशन पूरा करने में लगेंगे पीरे 48 घंटे-
चंद्रयान-2 के लॉन्च से पहले ISRO इस मिशन के बारे में पूरी जानकारी दे रहा है। चांद और पृथ्वी के बीच में 3,84,000 KM. की दूरी है। इस दूरी को पूरा करने में कुल 48 दिन लगेंगे।
#ISRO #Chandrayaan2
As our journey begins, do you know what is the distance of Moon from Earth? The average distance is 3, 84, 000 km, Vikram lander will land on Moon on the 48th day of the mission, which begins today.
Here's different view of #GSLVMkIII-M1 pic.twitter.com/4LFEmT2xxZ— ISRO (@isro) July 22, 2019
चंद्रयान-2 जैसा अभी तक कोई नहीं…
चंद्रयान-2 भारत के लिए दूसरा सबसे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारी-भरकम रॉकेट जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (GSLV Mk-III) से लॉन्च किया जा रहा है।
चंद्रयान-2 का बजट 978 करोड़ रुपये है और इसका मकसद भारत को चंद्रमा की सतह पर उतरने और उस पर चलने वाले देशों में शामिल करना है।
Chandrayaan-2 अंतरिक्ष यान 22 जुलाई से लेकर 13 अगस्त तक पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। इसके बाद 13 अगस्त से 19 अगस्त तक चांद की तरफ जाने वाली लंबी कक्षा में यात्रा करेगा। 19 अगस्त को ही यह चांद की कक्षा में पहुंचेगा। इसके बाद 13 दिन यानी 31 अगस्त तक वह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा।
फिर 1 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ यात्रा शुरू करेगा। 5 दिन की यात्रा के बाद 6 सितंबर को विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। लैंडिंग के करीब 4 घंटे बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से निकलकर चांद की सतह पर विभिन्न प्रयोग करने के लिए उतरेगा।
मिशन डायरेक्टर ने इजाजत दे दिया है-
चंद्रयान-2 मिशन के डायरेक्टर ने चंद्रयान-2 को लॉन्च करने के लिए इजाजत दे दिया है। अब से कुछ ही देर यानी 2.43 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया जाएगा।
#ISRO#GSLVMkIII-M1 lifts-off from Sriharikota carrying #Chandrayaan2
Our updates will continue. pic.twitter.com/oNQo3LB38S
— ISRO (@isro) July 22, 2019
चंद्रयान-2 को लांच कर दिया-
अंतरिक्ष की दुनिया में हिंदुस्तान ने आज एक बार फिर इतिहास के पन्नों मे अपना दर्जा हांसिल कर लिया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO ने सोमवार दोपहर 2.43 मिनट पर सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 को लॉन्च किया। चांद पर कदम रखने वाला ये हिंदुस्तान का दूसरा सबसे बड़ा मिशन है।
कुमार विश्वास ने भी दी बधाई…
रोज ही आकाश चढ़ते आ रहे है हम..!”❤️