ढोल, मंजीरा बजा और नाचे सैकड़ों लोग, केदारनाथ में हर-हर महादेव की गूंज, ऐसे खुले मंदिर के कपाट

ढोल, मंजीरा बजा और नाचे सैकड़ों लोग, केदारनाथ में हर-हर महादेव की गूंज, ऐसे खुले मंदिर के कपाट

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट पूरे वीधि-विधान से शुक्रवार को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर श्राध्दालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. कपाट खुलने के बाद भजनों और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से गूंज उठा. उद्घाटन के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश भर से आए कई तीर्थयात्रियों के साथ पवित्र मंदिर में मौजूद थे.

यह समारोह भजनों और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के बीच संपन्न हुआ. इसके साथ ही कतार में खड़े भक्तों पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए. केदारनाथ धाम के साथ-साथ यमुना नदी के श्रद्धेय स्रोत यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी भक्तों के लिए खोल दिए गए, जबकि गंगोत्री मंदिर के कपाट दोपहर 12.20 बजे खोले जाएंगे. इस बीच, पृथ्वी पर वैकुंठ (भगवान विष्णु का निवास) माना जाने वाला बद्रीनाथ धाम 12 मई को सुबह 6 बजे खोला जाएगा.

सीएम धामी ने दी भक्तों को शुभकामनाएं

सीएम धामी ने अपनी पत्नी गीता धामी के साथ केदारनाथ धाम में कपाट खुलने पर पूजा-अर्चना भी की. इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने पवित्र मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं. उन्होंने तीर्थयात्रियों की सुरक्षित और पूर्ण यात्रा की कामना की और आशा व्यक्त की कि यह आयोजन पिछले साल की तरह खुशी और उत्साह के साथ संपन्न होगा.

फूलों से सजाया गया मंदिर

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष के मुताबिक मंदिर खुलने से पहले भगवान शिव के निवास को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था. बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति, पंचमुखी डोली, जिसे उनके शीतकालीन निवास उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ ले जाया जाता है. गुरुवार शाम 4.45 बजे पारंपरिक ढोल की थाप और सेना बैंड द्वारा बजाई गई भक्ति धुनों के बीच केदारनाथ धाम पहुंची.

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