नई दिल्ली: जस्टिस रंजन गोगोई का देश का अगला मुख्य न्यायधीश बनना लगभग तय हो गया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कानून मंत्रालय को जस्टिस रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश की है. बता दें कि कानून मंत्रालय ने पिछले दिनों चीफ जस्टिस को पत्र लिख अगले मुख्य न्यायधीश के नाम का सुझाव मांगा था. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा आने वाले 2 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं.
अगले चीफ जस्टिस के लिए रंजन गोगोई के नाम का प्रस्ताव रख कर जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट की परंपरा को कायम रखा है. कोर्ट की परंपरा के मुताबिक चीफ जस्टिस अपने बाद कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज का नाम अगले चीफ जस्टिस के लिए मनोनीत करते हैं.
चीफ जस्टिस के इस कदम से सुप्रीम कोर्ट को लेकर चल रही कई अटकलें किनारे हो गई हैं. साथ ही इससे शायद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जस्ती चेमलेश्वर का एक डर दूर हुआ होगा. दरअसल अप्रेल में एक कार्यक्रम में जस्टिस चेमलेश्वर ने कहा था कि यदि जस्टिस रंजन गोगोई को चीफ जस्टिस नही बनाया गया तो हमारा डर सच साबित हो जाएगा.
कार्यक्रम में जताया था रंजन गोगोई को चीफ जस्टिस न बनाए जाने का डर
यहां जिस डर की बात जस्टिस चेमलेश्वर कर रहे थे वो डर न्यायालय में सरकार की दखलअंदाजी का था. बता दें कि जनवरी में भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था जब सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्टतम जजों ने एक प्रेस कॉफ्रेंस की थी. इस प्रेस कॉफ्रेंस में चार वरिष्ठ जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कार्य प्रणाली को लेकर सवाल उठाए थे.
देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायालय के अंदर चल रही घटनाओं को लेकर सार्वजनिक रूप से शिकायत कर रहे थे. इन चार जजों में जस्टिस चेमलेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरिअन जोसेफ शामिल थे.
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जजों की तरफ से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन व्यवस्थित ढ़ंग से नही चल रहा है. उन्होने सुप्रीम कोर्ट में केसों के बंटवारे के तरीके पर सवाल उठाए थे और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर मास्टर ऑफ रोस्टर का गलत इस्तेमाल करने की बात कही थी. इशारों में ही उन्होने न्यायालय में सरकार की दखलअंदाजी का आरोप भी लगाया था.
ऐसे में जस्टिस चेमलेश्वर को डर था कि कहीं प्रेस कॉफ्रेंस के कारण और अन्य राजनीतिक विवादों के चलते कहीं जस्टिस रंजन गोगोई को चीफ जस्टिस बनाने में साइड लाइन न कर दिया जाए. लेकिन जस्टिस रंजन गोगोई के नाम का प्रस्ताव देकर जस्टिस दीपक मिश्रा ने न सिर्फ अपनी छवि को ठीक कर ली है बल्कि जस्टिस चेमलेश्वर के डर को भी दूर किया है.