चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का दर्द छलका, बोले-ताकतवर लोगों ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में डाली

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह ऑनलाइन मीडिया इस मामले को पेश कर रहा है, उससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में पड़ गई है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ उनकी पूर्व जूनियर असिस्टेंट ने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की विशेष सुनवाई चल रही है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने इस मामले में फिलहाल कोई फैसला नहीं दिया है।

शनिवार को रंजन गोगोई मीडिया के सामने आए और अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के खिलाफ बड़ा षडयंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस महिला ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, उसके पीछे कुछ ताकतवर लोग शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि बतौर जज 20 साल के करियर में मेरे खाते में सिर्फ 6 लाख 80 हजार रुपए हैं। मुझ पर पैसे के मामले में कोई आरोप नहीं लगा सकता, इसलिए ऐसे घिनौने आरोप लगवाए गए। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता गंभीर रूप से खतरे पर आ चुकी है। इसे बचाना होगा। कुछ ताकतवर लोग न्यायपालिका को कब्जे में करना चाहते हैं। चीफ जस्टिस बोले कि चार मीडिया संस्थानों ने इस मामले में बड़ी-बड़ी रिपोर्ट छापी हैं, जबकि यह मामला अभी तक कोर्ट में है।

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