राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना रैपिड टेस्ट किट फेल होने के मामले उठने के बाद चीन की ओर से अब सफाई दी गई है। चीन का कहना है कि रैपिड टेस्ट किट को लेकर मिलने वाली शिकायतें गंभीर है। बुधवार को भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि चीन सभी निर्यात किए गए चिकित्सा उत्पादों की गुणवत्ता की महत्वता का पूरा ध्यान रखता है। हम संबंधित भारतीय एजेंसी के संपर्क में हैं और भारत की हर आवश्यक मदद की जाएगी।
दरअसल, राजस्थान सरकार द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने देशभर में दो दिन के लिए रैपिड किट टेस्ट पर रोक लगा दी है। राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने रैपिड टेस्ट के नतीजों पर गंभीर सवाल उठाने थे, जिसके बाद केंद्र ने ये फैसला लिया। अब इस टेस्ट के नतीजों की केंद्रीय टीमों द्वारा गंभीरता से जांच की जाएगी और उसके बाद ही अगले कदम का ऐलान होगा।
क्यों लगाया दो दिन का ब्रेक?
आखिर राजस्थान सरकार ने ऐसा क्या दावा किया कि केंद्र ने रैपिड टेस्ट पर दो दिन का ब्रेक लगा दिया। अगर ऐसा कोई सवाल मन में उठ रहा है, तो जवाब भी जान लीजिए। दरअसल, राजस्थान सरकार ने इस किट से किए जा रहे कोरोना टेस्ट के नतीजों पर सवाल उठाए हैं। राजस्थान सरकार का कहना है कि यपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती 168 कोविड-19 के मरीजों का इस रैपिट टेस्ट किट से टेस्ट किया गया, लेकिन इसमें केवल पांच फीसदी मरीज ही कोरोना पॉजिटिव पाए थे, जबकि ये सभी संक्रमित थे। इसके बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने राज्य में रैपिड टेस्ट करने पर रोक लगा दी
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अभी तक भारत में कोरोना जांच के लिए रैपिड टेस्ट को गेमचेंजर माना जा रहा था, लेकिन अब राजस्थान में इस तरह का मामला उठने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने रैपिड टेस्ट पर दो दिन की रोक लगा दी। इन दो दिनों केंद्रीय टीमों रैपिट टेस्ट किट की जांच करेंगी।
अबतक कितनी हैं रैपिड टेस्ट किट
अभी तक गेमचेंजर मानी जाने वाली रैपिड टेस्ट किट लाखों की संख्या में तमाम राज्यों में बांटी जा चुकी है। जहां राजधानी दिल्ली के पास 42,000 किट हैं, राजस्थान के 10 हजार किट पहुंच चुकी थी। यूपी को 8500 रैपिड किट भेजी गई। इसी तरह पंजाब को 10 हजार 100 और गुजरात को 24 हजार किट भेजे गए हैं।
रैपिड टेस्ट कैसे होता है?
- खून की एक- दो बूंदे उंगली से निकाली जाती हैं
- खून की बूंदों को किट में डालकर एंटीबॉडी टेस्ट करते हैं
- अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित या किसी और वायरस से इंफेक्टेड है, तो एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आता है।
- अगर व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आता है, तो आगे भी टेस्ट भी जरूरत होती है।
- रैपिड टेस्ट की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि इससे नतीजे 15-20 मिनट में आ जाते हैं।