उत्तराखंड : CM पुष्कर सिंह धामी ने कल यानी गुरुवार को सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा की। धामी ने पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में पेयजल के साथ सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग का भी सहयोग लेने को कहा। उन्होंने कहा कि जल संचय एवं जल संरक्षण के लिये अत्यधिक जन जागरूकता पर विशेष ध्यान देते हुए पारम्परिक चाल खाल के पुनर्जीवीकरण पर भी ध्यान दिया जाय। CM ने कहा कि स्वीकृत योजनाओं की टेण्डर प्रक्रिया 15 नवम्बर तक पूरी कर ली जाए ताकि उन पर जल्द से जल्द कार्य प्रारम्भ हो सके।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की योजनाओं के असरदार क्रियान्वयन एवं देखरेख के लिये सम्बन्धित क्षेत्र के युवाओं की सेवाएं ली जाए। इससे युवाओं को रोजगार उपलब्ध होने के साथ ही उनकी तकनीकी दक्षता भी बढ़ेगी। उन्होंने ऐसे युवाओं की शैक्षिक दक्षता बढ़ाने के लिये शिक्षा विभाग से समन्वय बनाए जाने को कहा।
सीएम ने शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट से सम्बन्धित योजनाओं को समयबद्ध के साथ पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने पुरानी पेयजल योजनाओं, हैंडपंप आदि की मरम्मत तथा मोटरों की एनर्जी ऑडिट आदि कराये जाने की भी रणनीति बनाने को कहा। उन्होंने हर ग्राम में वाटर टैंक तथा प्राकृतिक जल स्रोतों की स्टडी किये जाने के भी निर्देश दिये।
धामी ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जहां भी पानी की लाइन बिछाई जा चुकी है। वहां पानी की सुविधा उपलब्ध हो जाए। CM ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों मे एक सप्ताह मे तथा शहरी क्षेत्रों मे एक रुपये पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराना राज्य सरकार द्वारा जनहित में लिया गया अहम निर्णय है |
सचिव पेयजल श्री नितेश झा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में जल जीवन मिशन, नमामि गंगे तथा अमृत योजना के तहत संचालित कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।