खोजी पत्रकारिता करने वाली न्यूज़ वेबसाइट कोबरापोस्ट ने दावा किया है, कि हाउसिंग लोन देने वाली कंपनी डीएचएफएल ने कई शेल कंपनियों को करोड़ों रुपये का लोन दिया, और फिर वही रुपया वापस उन्हीं कंपनियों के पास आ गया जिनके मालिक डीएचएफएल के प्रमोटर है. दावा है कि ये संभवत: देश का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला हो सकता है.
आपको बता दें कि कोबरापोस्ट ने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना और सरकारी वेबसाइट से मिली जानकारी के आधार पर इस कथित घोटाले का खुलासा किया है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि डीएचएफएल से जुड़ी कंपनियां- जैसे आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स, स्किल रियल्टर्स और दर्शन डेवलपर्स- शेल कंपनियां हैं और इन्होंने पैसों की धोखाधड़ी की है.
बीजेपी को चंदा देने का आरोप
कोबरापोस्ट ने अपने खुलासे में दावा किया है कि डीएचएफ़एल की फाइनेंस कमेटी के मेजोरिटी मेंबर कपिल वाधवन और धीरज वाधवन की कंपनियां आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स, स्किल रियल्टर्स और दर्शन डेवलपर्स ने केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी को वित्तीय वर्ष 2014-15 और 2016-17 के बीच कुल 19.5 करोड़ रुपए का चंदा दिया है.
नियमों का हुआ उल्लंघन
दावा किया गया है कि बीजेपी को चंदा देने में नियमों का पालन भी नहीं हुआ. कोबरापोस्ट के मुताबिक, companies act 2013 की धारा 182 के प्रावधानों को ताक पर रखकर ये चंदा दिया गया. तहकीकात में बताया गया है कि इनमें से कोई भी कंपनी कानूनी तरीके से चंदा देने की स्थिति में नहीं थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी
29 जनवरी को कोबरापोस्ट ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ‘द एनाटॉमी ऑफ इंडियाज बिगेस्ट फाइनेंशियल स्कैम’ नाम से अपनी ये रिपोर्ट जारी की. इस दौरान कोबरापोस्ट के संपादक अनिरुद्ध बहल, पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा, पत्रकार जोसी जोसेफ, परंजॉय गुहा ठाकुरता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण मौजूद थे.
कोबरापोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, डीएचएफएल की कुल जमा पूंजी साल 2017-18 के वित्तीय ब्योरे के मुताबिक 8795 करोड़ रुपए है. इस कंपनी ने अलग अलग बैंको और वित्तीय संस्थानो से 98718 करोड़ रुपए का कर्ज हासिल कर लिया.
36 बैंको से जुटाई धनराशि
आरोप है कि यह कर्ज अलग-अलग तरीके से हासिल किया गया है. इस कर्ज राशि से डीएचएफएल ने 84,982 करोड़ रुपए की धनराशि कर्ज के रूप में दे दी है. डीएचएफएल की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने कुल मिलाकर 36 बैंको से ये धनराशि कर्ज में जुटाई थी. इन बैंको में 32 सरकारी और निजी के अलावा छह विदेशी बैंक भी शामिल हैं. इसमें भारतीय स्टेट बैंक से 11,500 करोड़ रुपये का लोन और बैंक ऑफ बड़ौदा से 5,000 करोड़ रुपये का लोन शामिल है.