नई दिल्ली: देश में सत्तारूढ़ पार्टी ने सोमवार को निर्वाचन आयोग जाकर प्रसिद्ध अभिनेता और तमिलनाडु की पार्टी एमएनएम के अध्यक्ष कमल हासन के चुनाव प्रचार पर पांच दिन का प्रतिबंध लगाने की मांग की, क्योंकि हासन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को आजाद भारत का ‘पहला हिंदू आतंकवादी’ करार दिया। भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्याय ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कमल हासन ने बलवा भड़काने की नीयत से करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला बयान दिया है।
हासन ने अरावाकुरिची विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के प्रचार के लिए आयोजित चुनावी रैली में ‘पहला हिंदू आतंकवादी’ वाला बयान दिया। इस निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव 19 मई को होना है। शिकायत में कहा गया है कि हासन ने “भारत की आजादी के बाद पहला आतंकवादी हिंदू है” कहा है। हासन की टिप्पणी को भ्रष्ट आचरण के रूप में स्थापित करते हुए शिकायत में कहा गया है, “यह कहना अत्यावश्यक है कि बयान जानबूझकर मुस्लिमों की बहुलता वाली भीड़ की उपस्थिति में चुनाव में लाभ के लिए दिया गया। यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (3) के तहत स्पष्ट रूप से भ्रष्ट आचरण है।”
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शिकायत में दावा किया गया है कि बयान सोच-विचार कर छवि धूमिल करने और ‘समुदायों के बीच सौहार्द व भाईचारा’ को बिगाड़ने की नीयत से दिया गया, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत दंडनीय है। शिकायत में आयोग से अनुरोध किया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 324 पर गौर करते हुए कमल हासन के चुनाव प्रचार पर कम से कम पांच दिनों का प्रतिबंध लगाया जाए, भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाए और उनकी राजनीतिक पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की दिशा में कदम उठाए जाएं।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, कमल हासन ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता को ध्यान में रखते हुए ऐसा बयान नहीं दिया है। उन्होंने कहा, “मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं कि यहां ज्यादा मुस्लिम हैं। फिर कहता हूं कि भारत की आजादी के बाद पहला आतंकवादी हिंदू था। उसका नाम नाथूराम गोडसे है।”