नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के प्रसार पर ब्रेक लगाने के लिए जारी देशव्यापी लॉकडाउन के चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठप है। जिंदगी ठहर सी गई है। मुसीबत का पहाड़ उन लाखों मजदूरों पर गिरा जो रोजी-रोटी के लिए घर से दूर दूसरे राज्यों में बसे थे। लॉकडाउन के बाद न काम था, ना ही कमाई बची। मजदूरों को घर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। सरकारी व्यवस्था न मिलने पर मजदूर पैदल ही अपने-अपने घरों को जाने के लिए तैयार हो गए। कई सौ किलोमीटर का लंबा सफर पैदल ही तय कर हजारों की संख्या में मजदूर अपने घरों तक पहुंचे। जो प्रवासी मजदूर अभी भी लॉकडाउन में फंसे हैं, उन्हें केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है।
रेलवे को स्पेशल ट्रेनें चलाकर ऐसे लोगों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें शुरू की गई हैं। दरअसल राज्य सरकारों ने स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत अनुरोध किया था कि ट्रेनों को पॉइंट-टू-पॉइंट चलाया जाए। यानी ये ट्रेनें बीच में कहीं नहीं रुकेंगी। पहले दिन, शुक्रवार को अलग-अलग रूट पर छह स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इन ट्रेनों के चलने के लिए दोनों राज्यों, यानी जहां से प्रवासियों को जाना है और जहां पहुंचना है, की सहमति जरूरी होगी। इन ट्रेनों में आम यात्रियों को बैठने नहीं दिया जाएगा। सरकार ने कुछ शर्तें भी तय की हैं जिनके पालन के बाद ही ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। आइए जानते हैं कि इन ट्रेनों में कौन सफर कर सकता है.. और क्या व्यवस्था होगी..
राज्य सरकार के पास होगी सभी यात्रियों की लिस्ट
रेलवे की तरफ से चलाई गई स्पेशल ट्रेनों में सवार होने वाले यात्रियों की लिस्ट राज्य सरकार तैयार करेगी। प्रवासी मजदूरों, टूरिस्ट्स, स्टूडेंट्स और तीर्थयात्रियों को अपने गृह राज्य के पास आवेदन करना होगा। इसके बाद वहां के नोडल ऑफिसर लिस्ट तैयार करेंगे और वह लिस्ट रेलवे को सौंपी जाएगी। स्टेशन पर केवल उन्हीं लोगों से पहुंचने को कहा गया है जिनका नाम लिस्ट में है। जिन लोगों का नाम राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई लिस्ट में नहीं होगा उन्हें ट्रेन में बैठने नहीं दिया जाएगा।
स्पेशल ट्रेन में बैठने वाले हर एक यात्री की स्क्रीनिंग
जिस राज्य से ट्रेन चलेगी, वहां स्टेशन पर सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग होने और उसमें स्वस्थ पाए जाने के बाद ही यात्री को में बैठने दिया जाएगा। स्क्रीनिंग में अगर बीमारी के लक्षण मिलते हैं तो उस व्यक्ति को सीधे क्वारंटीन सेंटर या होम आइसोलेशन में भेज दिया जाएगा।
खाना-पानी के लिए ऐसी है व्यवस्था
प्रवासियों के खाने और पीने के लिए पानी की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। जिस राज्य से ट्रेन चलेगी वही इन प्रवासियों के लिए खाना-पानी का इंतजाम करेंगे। इसके लिए स्टेशन पर व्यवस्था की जाएगी।
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
इन ट्रेनों से सफर करने वाले सभी यात्रियों को फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं, स्टेशन से लेकर पूरे सफर के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पाल करना होगा।
तय संख्या से ज्यादा यात्री नहीं बैठेंग कोच में
स्पेशल ट्रेनों के कोच में 72 के बजाय 54 यात्रियों के बैठने का इंतजाम होगा। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की आवश्यकता को देखते हुए किया गया है।
लंबे सफर में खाना खिलाएगा रेलवे
अगर सफर लंबा हुआ तो बीच में यात्रियों को भोजन-पानी की व्यवस्था रेलवे की ओर से की जाएगी।
एक बार फिर गुजरना होगा स्क्रीनिंग से
एक बार ट्रेन अपने गंतव्य राज्य तक पहुंच गई तो वहां के स्टेशन पर भी पैसेंजर्स की स्क्रीनिंग की जाएगी। प्रोटोकॉल वही रहेगा। अगर कोविड-19 के लक्षण मिलते हैं तो उन्हें सीधे क्वारंटीन सेंटर भेजा जाएगा। अगर कोई लक्षण नहीं दिखते तो पैसेंजर्स को घर जाने दिया जाएगा। हालांकि उन्हें 14 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना होगा।
पुलिस थाने में फॉर्म फिल कर जा सकते हैं घर
प्रवासी मजदूर, स्टूडेंट्स, टूरिस्ट्स स्पेशन ट्रेन की यात्रा के लिए अपने निकटतम पुलिस थाने जाकर भी फार्म भर सकते हैं। पुलिस स्टेशन में जमा फॉर्म प्रशासन की मदद से सरकार तक पहुंचाए जाएंगे।