अपने ही बयान से बुरा फंसे प्रशांत किशोर, जेडीयू से छुट्टी तय

पटना। खुद को किंगमेकर बताना चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके पर भारी पड़ गया है। सूत्रों का कहना है कि जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पीके को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं।

दरअसल, जेडीयू के उपाध्यक्ष पद से नवाजे गए पीके ने बीते मंगलवार को मुजफ्फरपुर में पार्टी की छात्र शाखा की बैठक में कहा था, “अगर मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनवा सकता हूं तो बिहार के किसी भी युवा को सांसद, विधायक, पीएम या सीएम बनने में मदद कर सकता हूं।”

सूत्रों के अनुसार पीके की यही बात नीतीश को चुभ गई है। जेडीयू के प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने तो खुलेआम उनका विरोध करते हुए पीके को हद में रहने की नसीहत दी है। जेडीयू के कई और नेता भी नाराज बताए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि 2014 में नरेंद्र मोदी और बीजेपी की ब्रांडिंग के बाद केंद्र में पार्टी की सरकार बनने पर प्रशांत किशोर चर्चा में आए थे। फिर वह 2017 में यूपी और पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ जुड़े, लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं को उनके काम का तरीका पसंद नहीं आया। यूपी में कांग्रेस की दुर्गति के बाद पीके ने नीतीश का दामन थामा और 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उनकी ब्रांडिंग की। बीजेपी को धूल चटाकर नीतीश सीएम बने तो उन्होंने पीके को जेडीयू में ही शामिल कर लिया।

Previous articleगोरखपुर में पुलिस ने सांसद समेत सपाइयों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
Next articleएससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष बृजलाल के खिलाफ बहू ने दर्ज कराया प्रताड़ना का केस