उत्तर प्रदेश :कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार को PM नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंची। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर और मां कूष्मांडा के दरबार में मत्था टेकने के बाद किसान न्याय रैली को संबोधित किया। साथ ही माँ अन्नपूर्णा के मंदिर में दर्शन कर सामाजिक सद्भाव, एकता और देश की उन्नति की मंगल कामना की। इसी के साथ उन्होंने दुर्गा कुंड में माता दुर्गा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। माँ दुर्गा से पाप और अन्याय का संहार कर देश में शांति स्थापित करने की मंगल कामना की।
‘किसान न्याय रैली’ में यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि जो सच्चाई मैंने यूपी में बीते 2 वर्षो से देखी है, वह सच्चाई मैं आपके सामने रखना चाहती हूं। यहाँ से कुछ ही दूर सोनभद्र में एक मामला हुआ था , 13 आदिवासी खेत में काम कर रहे थे। जब पुलिस प्रशासन की सहमति से कुछ लोग उनकी जमीन कब्ज़ा करने का प्रयास कर रहे थे। वह लोग ट्रैक्टर-जीप लेकर आते, गोली चलाई और 13 आदिवासियों को शहीद किया, सोनभद्र में नरसंहार हुआ। जब मैं उनसे मिलने गई, मेरे मन में एक बात मुझे स्पष्ट लगी। जिस परिवार के पास मैं जा रही थी, वे कह रहे थे कि हमें मुआवजा नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए। परन्तु हमें न्याय की उम्मीद नहीं है।
आगे उन्होंने कहा कि उनके पिता जी ने मुझसे कहा कि उन्हें घर के बाहर निकाल कर पीटा गया था, उनके बच्चों को धमकाया गया था, उनकी 9 वर्ष की पोती को भी धमकाया गया था। परन्तु उनको न्याय की कोई आशा नहीं थी, वह केवल न्याय चाहते थे। उस केस में BJP के एक पूर्व विधायक, BJP के एक प्रधान के बेटे, बीजेपी के एक कार्यकर्ता; तीनों केसो में वे शामिल थे।
प्रियंका गांधी बोलीं कोरोना महामारी के वक्त जहाँ-जहाँ से रिपोर्ट आई, रिपोर्ट में यही आया कि जनता परेशान है,और सरकार सहयोग की बजाय आक्रामक हो गई है। अगर कोई कहता था मेरे पास सुविधा नहीं है, मेरे पास ऑक्सीजन नहीं है, कोई अस्पताल कहता था कि हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है, तो सरकार सहयोग की बजाय उन पर आक्रमण कर रही थी।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसान न्याय रैली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि अगर कोई कहता था मेरे पास सुविधा नहीं है, मेरे पास ऑक्सीजन नहीं है, कोई अस्पताल कहता था कि हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है, तो सरकार सहयोग की बजाय उन पर आक्रमण कर रही थी। हाथरस मामले में पीड़ित के परिवार ने भी मुझे कहा कि दीदी हमें इस सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं है। लेकिन हमें न्याय चाहिए। लखीमपुर खीरी में जो हुआ, इस देश के गृह राज्य मंत्री के बेटे ने अपनी गाड़ी के नीचे 6 किसानों को निर्ममता से कुचल दिया। 6 के 6 परिवार यह कहते हैं कि हमें पैसे नहीं चाहिए, हमें मुआवजा नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए।