राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद उस पर सवाल उठाने पर घिरे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अपनी गलती मानी और खेद जताया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने जवाब में कहा, ‘राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। मैंने जो बयान दिया, उसके लिए खेद प्रकट करता हूं।’ इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को दिए जवाब में उन्होंने कहा था कि मेरे बयान का विपक्षी दल गलत इस्तेमाल किया। इसे राजनीतिक प्रचार में उछाला गया।
भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी, जिस पर बीते 15 अप्रैल को राहुल को नोटिस जारी किया गया था। कोर्ट ने राहुल गांधी ने 22 अप्रैल तक जवाब मांगा था। 23 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होनी है।
राहुल गांधी ने बीते 10 अप्रैल को नामांकन के बाद राफेल डील पर कहा था कि चौकीदार (प्रधानमंत्री) चोर है। एक चुनावी सभा में भी राहुल गांधी ने कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि चौकीदार चोर है। उनके इन बयानों को लेकर ही मीनाक्षी लेखी कोर्ट पहुंच गई थीं।
राफेल डील के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि इसमें किसी तरह की खामी है। हालांकि राफेल डील के दस्तावेजों पर कोर्ट में सुनवाई जारी है। इसी को आधार बनाते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को खुलेआम चोर कहा था।