नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने किसानों से संबंधित समस्याओं के समाधान को लेकर पूर्व में दिए गए आदेश का पालन नहीं किए जाने पर सूबे के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और कृषि सचिव डी सेंथिल पांडियन को अवमानना नोटिस जारी कर 14 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई जिसके बाद ये आदेश पारित किये गए . इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य में किसान आयोग गठित करने और सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने आदेश दिया था.
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गणेश उपाध्याय की अवमानना याचिका पर दिया आदेश
ऊधमसिंह नगर निवासी याची गणेश उपाध्याय ने अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. हाईकोर्ट ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की योजना बनाने के लिए भी सरकार को तीन माह का समय दिया था. लेकिन, सरकार ने अब तक योजना नहीं बनाई.
किसानों की आत्महत्या के लिए सरकार है जिम्मेदार !
याचिकाकर्ता के मुताबिक हाईकोर्ट के निर्णय के बाद प्रदेश में दो और किसानों आत्महत्या की. इन आत्महत्याओं के लिए भी सरकार को जिम्मेदार माना जाए. सरकार ने मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में 20 दिन के भीतर किसानों को सभी फसलों के बकाया भुगतान करने की घोषणा की थी.
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उस घोषणा पर भी अब तक अमल नहीं किया गया है. अभी तक गन्ने का तीन अरब 66 करोड़ 26 लाख 19 हजार रुपये का बकाया भुगतान भी नहीं किया गया है. काशीपुर गन्ना फैक्ट्री का 2007- 08 और 2011-12 का 25 करोड़ भुगतान भी नहीं किया गया है.