कोरोना वायरस के विकराल रूप से विश्व शक्ति माने जाने वाले अमेरिका में इन दिनों हालात बेहद खराब हैं। भारत ने अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देना शुरू किया तो अब व्हाइट हाउस ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फॉलो करना शुरू किया है।
आपको बता दें कि अभी तक व्हाइट हाउस ट्विटर हैंडल पर दुनिया के किसी भी नेता को फॉलो नहीं करता था। लेकिन अब व्हाइट हाउस अपने ट्विटर अकाउंट पर 19 हैंडल को फॉलो करता है। इनमें 16 हैंडल अमेरिका के हैं और तीन भारत के हैं। भारत में जिन ट्विटर हैंडल को व्हाइट हाउस ने फॉलो किया है उनमें पीएम मोदी के अलावा पीएमओ इंडिया और भारत के प्रेसिडेंट के ट्विटर हैंडल भी शामिल है। इनके अलावा व्हाइट हाउस सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप, उपराष्ट्रपति माइक पेंस समेत अन्य कुछ अमेरिकी प्रशासन से जुड़े व्यक्तियों को ही फॉलो करता है।
.@WhiteHouse follows 19 people and 16 are from US and rest 3 are out of US , they are Modi , PMO India and president’s handle . pic.twitter.com/pQ9dIt4rdA
— Chintan Shah (@chintan20) April 9, 2020
भारत सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति की है। इस दवा के निर्यात के बाद से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी और आभार जताया था।
Fully agree with you President @realDonaldTrump. Times like these bring friends closer. The India-US partnership is stronger than ever.
India shall do everything possible to help humanity's fight against COVID-19.
We shall win this together. https://t.co/0U2xsZNexE
— Narendra Modi (@narendramodi) April 9, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा था कि “भारत और भारत के लोगों का बहुत शुक्रिया जो उन्होंने HCQ की सप्लाई को मंजूरी दी। इस मदद को हम कभी नहीं भूलेंगे”। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डोनाल्ड ट्रंप को जवाब दिया और लिखा कि “भारत-अमेरिका की दोस्ती काफी मजबूत है। भारत मानवता के लिए हर संभव मदद करेगा”।
कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर अमेरिका पर पड़ा है, यहां चार लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं जबकि 10 हजार से अधिक मर चुके हैं। ऐसे में कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की जरूरत थी, जो इस मुश्किल वक्त में भारत ने ही मुहैया करवाई है।