राजसत्ता एक्सप्रेस। जब से अमेरिका की कमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथ में गई है, तब से अमेरिका को लेकर कुछ भी प्रिडिक्ट करना बेहद मश्किल हो गया है, क्योंकि ये खुद अमेरिकी मीडिया भी कहती है कि उनके राष्ट्रपति थोड़ा मूडी किस्म के हैं। वो क्या कब क्या कह जाए और कब क्या कर जाए, इसका कोई भरोसा नहीं। अब ये ही देख लीजिए, चंद दिनों में व्हाइट हाउस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट पर फॉलो किया था और अब उन्हें अनफॉलो कर दिया है। अब इसके पीछे अमेरिका की मंशा क्या है, ये तो फिलहाल कोई समझ नहीं पाया है, लेकिन इससे ये जरूर साबित हो गया है कि ट्रंप कब क्या कर बैठे, ये कोई नहीं जानता।
व्हाइट हाउस ने ट्विटर पर पीएम को किया अनफॉलो
दरअसल, कोरोना संकट काल में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मलेरिया की दवाई हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर मदद की दरकार की थी, तो भारत आगे बढ़कर उनकी मदद के लिए आया। इसी के कुछ दिन बाद ही व्हाइट हाउस ने उन्हें ट्वीटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया था। पीएम मोदी के अलावा भारत के 5 और ट्विटर हैंडल को भी फॉलो किया जाने लगा, लेकिन अब एक बार फिर से व्हाइट हाउस ने सभी को अनफॉलो कर दिया है।
पहले भारत में इन-इन हैंडल को किया था फॉलो
जब कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए भारत ने अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन देने का फैसला लिया, इसके बाद 10 अप्रैल को व्हाइट हाउस के ट्वीटर हैंडल से कई भारतीय ट्विटर हैंडल को फॉलो किया गया था। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, PMO, राष्ट्रपति भवन, अमेरिका में भारतीय दूतावास, भारत में अमेरिकी दूतावास और भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर का ट्वीटर हैंडल शामिल था।
अब कुल 13 को फॉलो कर रहा है व्हाइट हाउस
इन सभी लोगों को मिलाकर व्हाइट हाउस अभी तक 19 हैंडर्ल को फॉलो करता था, लेकिन अब फिर से उसने सभी ट्विटर हैंडल को अनफॉलो कर दिया है। अब वो सिर्फ अमेरिकी प्रशासन, डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े ट्विटर हैंडल को मिलकर कुल 13 को फॉलो कर रहा है। इसको लेकर अब सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।
गौरतलब है कि कोरोना के इलाज के लिए अमेरिका ने भारत से मलेरिया की दवाई मांगी थी। जिसपर भारत ने मदद का हाथ बढ़ाते हुए बड़ी संख्या में अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवाई सौंपी थी। अमेरिका के अलावा भी कई देशों को भारत ने ये दवाई दी थी। हालांकि, बीते कुछ दिन पहले अमेरिका से एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर कहा कि ये कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कारगर नहीं है।