Delhi Riots Case: दिल्ली दंगा मामले में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) को उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने बेल देने से मना कर दिया है. खालिद फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दिगों के मास्टरमाइंड के आरोप में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के तहत दो वर्ष से अधिक समय से जेल की सलाखों के पीछे हैं. उमर खालिद ने दिल्ली उच्च न्यायालय में लोवर कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने 9 सितंबर को खालिद की एप्लीकेशन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. इसके पश्चात मंगलवार यानी आज हाई कोर्ट ने बेल एप्लीकेशन को रद्द कर दिया है. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने आदेश सुनाते हुए कहा कि जमानत याचिका में हमें कोई मेरिट नहीं दिखती इसलिए अपील डिसमिस की जाती है.
The Delhi High Court dismisses the bail plea of former JNU student leader Umar Khalid accused in a larger conspiracy case related to the North East Delhi riots of February 2020.
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— ANI (@ANI) October 18, 2022
उमर खालिद ने कोर्ट में दी यह दलील
खालिद ने दलील दी थी कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में उनका कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड नहीं है और न ही वह दंगों की कथित रणनीति के अन्य आरोपियों से संबंध रखते हैं. खालिद ने कहा कि अभियोजन के पास अपने केस को फ्रूफ करने के लिए कोई एविडेंस नहीं है. फरवरी 2020 का अमरावती में दिया गया उनका भाषण स्पष्ट रूप से अहिंसा का आह्वान करता है और उन्होंने कहीं भी हिंसा का नेतृत्व नहीं किया है.