नेल्सन मंडेला के बाद रामफोसा बने गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाले दूसरे द. अफ्रीका राष्ट्रपति

आज पूरे हिंदुस्तान में 70वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा है. दिल्ली के राजपथ से आज पूरी दुनिया हिंदुस्तान के जल, जमीन और वायु का एक साथ दम देखेगी. हर बार की परम्परा को निभाते हुए इस बार भी परेड में एक खास शख्सियत को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया और इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाले चीफ गेस्ट हैं दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामफोसा. बता दें कि रामफोसा दक्षिण अफ्रीका के दूसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं जो गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए हैं.

1995 में आए थे नेल्सन मंडेला

ज्ञात हो कि इनसे पहले साल 1995 में दक्षिण अफ्रीका से नेल्सन मंडेला मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. रामफोसा का इस बार के गणतंत्र दिवस पर शामिल होना बेहद खास है, क्योंकि भारत इस बार महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है और रामफोसा को महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला का समर्थक माना जाता है. पीएम मोदी ने भी कहा कि महात्मा गांधी के 150वीं जयंती के साल पर रामफोसा का स्वागत करना हमारे लिए सम्मान की बात है. दक्षिण अफ्रीका से बापू का करीबी संबंध जगजाहिर है.

नेल्सन के प्रिय थे रामफोसा

दरअसल, सायरिल रामफोसा को नेल्सन मंडेला बेहद पसंद करते थे. मंडेला ने जब अपना राष्ट्रपति पद छोड़ा था तो वे चाहते थे कि रामफोसा देश के राष्ट्रपति बने लेकिन अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने उनकी जगह थाबो मबेकी को राष्ट्रपति बनाया. इससे नेल्सन मंडेला बेहद निराश हुए और सियासत से किनारा कर लिया.

सायरिल रामफोसा को खास अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर आना दोनों देशों के बीच संबंध को मजबूत करेगा. दक्षिण अफ्रीका और भारत के लोगों के बीच और व्यापारिक संबंध और अच्छे हो जाएंगे.

2015 से अब तक गणतंत्र दिवस के मेहमान

2015 – तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा

2016 – फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद

2017 -प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहन

2018 आसियान देशों के 10 राष्ट्राध्यक्ष

2019 -सिरिल रामाफोसा, राष्ट्रपति, द.अफ्रीका

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