प्रयागराज: शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अध्यक्षता में हुई परम धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान कर दिया गया. इसके मुताबिक साधु-संत चार शिलाएं लेकर 21 फरवरी को आयोध्या कूच करेंगे.
कुंभ मेला क्षेत्र में परम धर्म संसद का आज तीसरा और आखिरी दिन था. इस दौरान एकत्र साधु-संतों ने आयोध्या मसले पर केंद्र सरकार के रवैये पर सवाल उठाए. कहा गया है कि हर हिंदू 4 शिलाएं लेकर आयोध्या पहुंचेंगे. इसी के साथ मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि गुरुवार से कुंभ मेला क्षेत्र में विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय धर्म संसद शुरू होने वाली है. इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती लंबे समय से विहिप और भाजपा सरकार के खिलाफ बोलते चले आ रहें हैं. और अब उन्होनें अपने समर्थक संतों के साथ आयोध्या में राम मंदिर निर्माण का ऐलान करके एक नया फ्रंट खोल दिया है.
क्या कहा गया धर्म संसद में
प्रयागराज में हुई धर्म संसद में आलोचना प्रस्ताव पास किया गया. धर्म संसद में ये कहा गया कि रामजन्म भूमि के लिए संघर्ष किया जाएगा. साथ ही रामजन्म भूमि के लिए बलिदान देने की भी बात कही गई. धर्म संसद ने कहा कि चरम बलिदान देने का समय आ गया. गांधीजी के सविनय अवज्ञा को अपनाया जाएगा. धर्म संसद ने कहा 21 फरवरी को शुभ मुहूर्त में न्यास को सम्पन्न कराया जाएगा. बसंत पंचमी के बाद प्रयागराज से अयोध्या के लिए प्रस्थान किया जाएगा.
धर्म संसद ने कहा कि अगर गोली खानी पड़ी तो हम इसके लिए तैयार है. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने धर्मादेश ज़ारी करते हुए कहा कि हर हिन्दू 4 लोगों के साथ अयोध्या जाए.धर्मसंसद का कहना है कि ये क्रमिक आंदोलन चलाया जाएगा नंदा, भद्रा, जाया,पूर्णा नाम की शिलाओं को लेकर शिलान्यास होगा. धर्म संसद ने कहा कि चार लोगों पर धारा 144 नहीं लगेगी.